A view of the sea

  700 साल पुराने रहस्य से      जुड़ा हैं ये मंदिर जहां    खुद ही प्रकट हो गए थे             राधा-कृष्ण?

अगर आप झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले हैं तो आप चुटिया के राधा वल्लभ मंदिर के बारे में तो जरूर ही जानते होंगे?

राधा वल्लभ मंदिर का निर्माण लगभग 19वीं शताब्दी के अंत में हुआ था और इसे रांची के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है।

मंदिर में स्थापित राधा-कृष्ण की मूर्ति को अद्वितीय मान्यता हैं क्योंकि यह मूर्ति स्वयंभू है, यानी बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के प्रकट हुई थी।

इस मंदिर में राधा और कृष्ण की प्रेम कथा को विशेष रूप से महत्व दिया जाता है, साथ ही वैष्णव परंपरा के राधा वल्लभ संप्रदाय का प्रमुख केंद्र भी है।

इस मंदिर में राधा और कृष्ण की प्रेम कथा को विशेष रूप से महत्व दिया जाता है, साथ ही वैष्णव परंपरा के राधा वल्लभ संप्रदाय का प्रमुख केंद्र भी है।

यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसके वातावरण में एक विशेष ऊर्जा और शांति का अनुभव भी लोगो ने यहां आकर महसूस किया है। 

मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर एक विशेष अनुष्ठानों का आयोजन होता है, खासकर राधा अष्टमी के अवसर पर, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं।