गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के समय को उसके अच्छे या बुरे कर्मो के अनुसार ही अनुभव होते हैं
कहते हैं कि मृत्यु के समय प्राणी के सामने उसका पूरा जीवन घूमने लगता है
पूरे जीवन की अच्छी और बुरी सब घटनाये फिल्म रील की तरह चलती हुई आती हैं नज़र
पूरे जीवन की अच्छी और बुरी सब घटनाये फिल्म रील की तरह चलती हुई आती हैं नज़र
तो वही अच्छे कर्म वालो के लिए मृत्यु एक नए सफर की तरह उन्हें दिखाई देनी शुरू हो जाती हैं