कौन थे श्रीकृष्ण का वो साया जिसने किया था कृतवर्मा का वध

महाभारत में ऐसे कई किरदार जिनकी भूमिका बेहद अहम थी, लेकिन उनकी चर्चा कम होती है

ऐसा ही एक सात्यकि का है जिसके बारे में बहुत कम चर्चा होती है, लेकिन यह एक बेहद जरुरी किरदार है

सात्यकि द्वारिका में श्रीकृष्ण की सेना के एक अधिकारी सत्यक के पुत्र थे

सात्यकि के गुरु अर्जुन थे, जिन्होंने उन्हें धनुर्विद्या सिखाई थी और इसी रिश्ते को निभाने के लिए महाभारत में वह कौरवों की ओर से नहीं लड़े थे

श्रीकृष्ण की पूरी सेना ने कौरवों की तरफ से लड़ाई लड़ी, लेकिन गुरु अर्जुन के खिलाफ युद्ध नहीं करने की प्रार्थना को श्रीकृष्ण ने स्वीकार किया

श्रीकृष्ण ने इस रिश्ते को समझते हुए सात्यकि को पांडवों की ओर से लड़ने की अनुमति दी

सात्यकि युद्ध कला में पारंगत थे और अच्छे धनुर्धर थे, महाभारत के युद्ध में उन्होंने कृतवर्मा का वध किया था

उनकी ताकत का अंदाजा इससे लगा सकता हैं कि सात्यकि ने युद्ध में कर्ण को हराया था

महाभारत युद्ध के बाद जब कृष्ण हस्तिनापुर लौटें, तो उस वक्त उनके साथ सिर्फ सात्यकि ही आये थे

कलयुग के महायुद्ध की तैयारी, परशुराम को अपने इस शिष्य का इंतेजार

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