A view of the sea

    क्या शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीना   चाहिए या नहीं क्या होता है सही तरीका?

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल सन्ध्या काल (सूर्यास्त) के बाद पीना उचित माना जाता है। यह मान्यता है कि इस समय शिवजी के प्रसन्नता में पानी पीने से मनुष्य को शांति और सुकून मिलता है।

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पवित्र माना जाता है। इसे पीने से मान्यता है कि अन्याय से बचाव मिलता है और मन को शुद्धि मिलती है।

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल एक आध्यात्मिक संवाद का प्रतीक माना जाता है, जिससे भक्त का अंतर शिवजी से जुड़ता है।

जल को पीने का समय महत्वपूर्ण होता है। सन्ध्या काल के बाद पीने से शिवलिंग पूजन का मान अधिक माना जाता है।

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल नियमित रूप से पीना चाहिए। यह भक्ति में स्थिरता और समर्पण को दर्शाता है।

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीने से पूजा की शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। जल को अपने हाथों से लेकर पीना उचित है।

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीना एक समर्पण और आदर का प्रतीक है। इसे सम्मानपूर्वक करना चाहिए और भक्ति भाव से इसका आनंद लेना चाहिए।

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