A view of the sea

तवायफों की डायरी में ऐसा क्या लिखा था? पढ़ते ही छूट गए पसीने

तवायफों की जिंदगी जितनी रंगीन थी उतनी ही राज से भरी हुई।

तवायफों की जिंदगी जितनी रंगीन थी उतनी ही राज से भरी हुई।

तवायफों के कोठों पर जितनी रौनक दिखती उनका जीवन में उतना ही अंधेरा था।  

कहने को वो खुली किताब थीं लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं था। 

ऐसे में अगर आपके हाथ किसी नामचीन तवायफ की डायरी लग जाए, तो उसमें क्या कुछ लिखा हो सकता है। 

लीन श्नाइडर-केनर एक यहूदी लेखिका और कलाविद थीं। भारत यात्रा पर उन्होंने तवायफों की जिंदगी को बहुत करीब से जाना। 

उनकी किताब में अलग-अलग शहरों की तवायफों की सोच, जीवनशैली समेत कई बातों का जिक्र है।

लीन की मानें तो आगरा की बेहद अमीर तवायफों में से ज्यादातर के अंदर अपना प्यार पाने की इच्छा होती थी। कई तवायफों के अपने कद्रदानों से अलग कोठे के मर्दों के साथ भी प्रेम संबंध चलते थे।

कुछ तवायफें उम्र ढलने पर अकेलेपन से जूझती थी। वो अपना सिक्का जमाने के लिए कई उपाय करती थीं।

कई तवायफों कोठे की दुनिया से बाहर निकलकर अपनी जिंदगी स्वतंत्र ढंग से जीना चाहती थी। 

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