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आयुर्वेद के इन 5 मैजिक से मिलेगी गर्मी में राहत 

गर्मी के मौसम में हमारा शरीर संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष करता है। 

ऐसे समय में राहत के लिए प्रकृति की देन की ओर रुख करना बेहद फायदेमंद हो सकता है। 

आयुर्वेद, प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति, जड़ी-बूटियों का खजाना प्रदान करती है जो न केवल शरीर को ठंडा करने में मदद करती है बल्कि संतुलन भी बहाल करती है।

घृतकुमारी- आयुर्वेद में घृतकुमारी के नाम से जाना जाने वाला एलोवेरा एक रसीला पौधा है जो अपने शीतल गुणों के लिए जाना जाता है। एलोवेरा का जूस पीने या इसके जेल को लगाने से शरीर को हाइड्रेट रहता है। साथ ही सनबर्न को शांत करने में मदद करता है। 

चंदन सदियों से आयुर्वेदिक त्वचा देखभाल और अरोमाथेरेपी में एक प्रमुख तत्व रहा है। माथे, गर्दन और छाती पर चंदन का लेप लगाने से शरीर की गर्मी दूर होती है और मन शांत होता है।

पुदीना एक ताज़ा जड़ी बूटी है जिसका आयुर्वेद में शरीर पर इसके ठंडे प्रभाव के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। पुदीने की चाय यह न केवल शरीर को ठंडा करता है।

आयुर्वेद में धनिया के बीज पित्त दोष को संतुलित करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं।  धनिया में मूत्रवर्धक गुण भी होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करते हैं।

आंवला या भारतीय करौदा एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो अपने कायाकल्प और ठंडक देने वाले गुणों के लिए जानी जाती है। इसका ठंडा प्रभाव शरीर की गर्मी को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।

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