नरगिस की मां जद्दनबाई थीं। वो मुस्लिम थीं और कोलकाता की मशहूर तवायफ थीं। इसका जिक्र राइटर मोहन देसाई ने भी अपनी किताब में किया है।
नीतू कपूर का भी तवायफ से नाता रहा है। उनकी नानी हरजीत सिंह को मजबूरन कोठे पर माता-पिता की मौत के बाद चाचा-चाची ने प्रॉपर्टी की लालच में बेच दिया था। इस बीच उनकी बेटी राजी सिंह का जन्म हुआ जो नीतू सिंह की मां थीं।
राजी को भी 14 साल की उम्र में ही धंधे पर धकेल दिया गया था। लेकिन 22 साल की उम्र में घर से भाग गई थीं। राजी की मुलाकात दर्शन सिंह से हुई थी। जिससे शादी के बाद बेटी हरनीत सिंह यानी नीतू सिंह का जन्म हुआ।
सायरा बानो की नानी, परनानी और मां कोठे पर रहा करती थीं। यहां तक कि उनकी मां और नानी का दिल्ली में अपना कोठा था। वो इस पेशे में मजबूरी में आई थीं। जुम्मन बाई जो कि सायरा बानो की परनानी थीं। जब वो सात साल की थीं तो उनके पिता ने ही उन्हें हसनपुर के कोठे में बेच दिया था।
वो लड़कियों से नफरत करते थे। जुम्मन बाई अक्सर भागने की कोशिश करती थीं तो कोठे की मालकिन ने उन्हें दिल्ली भेज दिया था, जिसके बाद वो कोठे की गलियों में ही कैद होकर रह गईं। यहां उन्होंने 18 साल की उम्र में एक बेटी को जन्म दिया, जो कोठे में ही काम करने वाले रतन सिंह की बेटी थीं। उस बच्ची का नाम शमशाद रखा गया।
शमशाद सायरो बानो के नानी थीं। 12-13 साल की उम्र में उनकी मां ने उन्हें कोठे पर बैठा दिया था। यहां वो छमिया बाई के नाम से मशहूर हुईं। उनकी खूबसूरती के दीवाने दूर-दूर के नवाब और अंग्रेज अफसर तक थे। यहां तक कि एक बार तो छमिया बाई के लिए अब्दुल वाहिद रहमान, जो कि हसनपुर के रईस थे। की बहस अंग्रेजी अफसर से हो गई थी।
उन्होंने कहा था कि छमिया बाई उनके अलावा किसी के सामने नहीं नाचेगी। वहीं, इस पर शर्त रखी गई कि जो सबसे ऊंची बोली लगाएगा छमिया बाई उसकी होगी। इस बोली में वाहिद खान ने ऊंची बोली लगाकर छमिया बाई को जीत लिया। इसके बाद वो उन्हें अपने बंगले लेकर चला गया। यहां उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया, जिसे रोशन आरा नाम दिया गया लेकिन बाद में वो नसीम बानो के नाम से मशहूर हुई।
नसीम बानो बॉलीवुड की पॉपुलर एक्ट्रेस थीं। छमिया बाई कुछ सालों के बाद बेटी नसीम के साथ मुंबई चली आई थीं। नसीम को बचपन से ही हीरोइन बनने का शौक था। मुंबई आने के बाद वो मां के साथ शूटिंग देखने के लिए जाती थीं। इसी बीच एक दिन सौरभ मोदी की नजर नसीम पर पड़ी। उस समय वो 11वीं में पढ़ रही थीं। वो उन्हें फिल्म ऑफर करना चाहते थे।
ऐसे में किसी तरह से मां छमिया को मनाया। उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया और इंडस्ट्री में ही उन्हें बाद में नसीम बानो नाम दिया गया था। वो इंडियन सिनेमा की सफल एक्ट्रेस रही हैं। इन्हें ‘द फर्स्ट क्वीन ऑफ इंडियन सिनेमा’ का टैग भी दिया गया था। अब सायरा बानो, नसीम बानो की ही बेटी हैं। नसीम ने एहसान उल हक से शादी की थी।