एक दिन जब युधिष्ठिर द्रौपदी के साथ कक्ष में थे तब एक कुत्ता युधिष्ठिर का जूता उठाकर ले गया। इतने में अर्जुन किसी कारण उस कक्ष में आ गए। सजा के तौर पर अर्जुन को वन में जाना पड़ा। द्रौपदी ने कुत्ते को शाप दे दिया कि तुम खुले में संबंध बनाओगे और दुनिया तुम्हें देखेगी।
द्रौपदी के 5 पति थे लेकिन सभी में भीम से द्रौपदी का विशेष लगाव था। इसकी एक खास वजह भी थी। भीम ही एक मात्र ऐसे थे जो द्रौपदी के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाते थे।
अंतिम समय में पांचों पांडव और द्रौपदी जब स्वर्ग जा रहे थे तब पैर फिसल जाने से द्रौपदी खाई में गिरने लगीं लेकिन भीम ने हाथ पकड़ लिया। भीम द्रौपदी को बचा नहीं पाए लेकिन शरीर त्यागते हुए द्रौपदी ने भीम से कहा कि अगर फिर जन्म मिले तो मैं फिर तुम्हारी पत्नी बनना चाहूंगी।