इस प्रकार की जाती है महाकुंभ में आने वाले लोगों की गिनती
महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक समागमों में से एक है। ये हर 12 वर्षों के बाद आयोजित किया जाता है।
इस मेले में लाखों में श्रद्धालु गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने के लिए आती हैं।
संगम नगरी मेंआयोजित महाकुंभ के चौथे दिन त्रिवेणी संगम में 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।
महाकुंभ में करीब 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान जताया जा रहा हैंऔर वहीं पहले शाही स्नान के बाद अबतक करीब 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने भाग लिया हैं।
महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं के आंकड़ों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि मेले में आने वाले लोगों की गिनती कैसे की जा रही है।
दरअसल, प्रशासन ने महाकुंभ के परिसर में 1,800 से अधिक कैमरे लगवाए हैं, इनमें से कई कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लैंस है।
यह कैमरे आने-जाने वैले रास्तों और घाटों पर लगाए गए हैं, ये कैमरे भीड़ को देखकर विश्लेषण करके लोगों की संख्या बताता हैं।
इसके अलावा ड्रोन भी आस्मान से तस्वीरें लेता हैं, जिससे भीड़ का अनुमान लगा सकते हैं।
मोबाइल एप्लिकेशन भी परिसर में मौजूद मोबाइलों की संख्या पता करती है, इससे भी लोगों की संख्या का अनुमान पता किया जाता है और अगर मेले के किसी भी हिस्से में भीड़ बढ़ती दिखे तो तुरंत अलर्ट जारी किया जाता हैं।