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इस मां के श्राप ने बना दिया था कर्ण को कमजोर नहीं तो महाभारत में जीत थी पक्की

कर्ण को कुंती ने ऋषि दुर्वासा से मिले मंत्र का प्रयोग करके सुर्य देव से प्राप्त किया था। लेकिन अविवाहित होने के कारण उसका त्यीग कर दिया था।

कर्ण हमेशा दान करता थे। वह किसी से कुछ नहीं मांगता थेष इसी कारण उन्होंने एक बार धरती मां को नराज कर दिया था।

कर्ण कभी भी सत्य और धर्म के अनुसार दान नहीं करते थे। उसने हमेशा अपनी शक्ति और सामर्थ्य का प्रयोग कर के काफी सारी गलतियां  की।

बता दे कि, कर्ण की गलतियों और क्रूर कार्यों से धरती मां रूठ गयी थी और उन्होनें उन्हे श्राप दे दिया था।

 कर्ण ने काफी लोगों को बिना विचार के दान किया था और उन्होनें उससे वचन लिया कि वह दान विचारपूर्वक करेगा।

 धरती मां ने कहां की जब वह अपने जीवन का सबसे अहम युद्ध लडे़गे तो, वह अपने शत्रु को प्राजीत नहीं कर पाएगे।

 कर्ण अपनी शक्तियों पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन वह श्राप उसे विचारपूर्वक निर्णय लेना और सदगुणों को अपनाना सिखाने के लिए था।

 इतना ही नही कर्ण को कई देवों और ऋषियों ने भी श्राप दिया था , जैसे उसे एक ब्राह्मण ने श्राप दिया था कि वह युद्ध के समय ध्यान भटकाएगा तो शत्रु से हार जाएगा।

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