A view of the sea

 इजराइल के लिए हमास से बड़ा खतरा है ये विद्रोही संगठन 

हिजबुल्लाह ईरान समर्थित विद्रोही संगठन है, इसकी स्थापना 1980 में लेबनान में जारी सिविल वॉर के दौरान की गई थी. इसे सबसे ताकतवर विद्रोही संगठन के तौर पर जाना जाता है. गाजा में इजराइली हमलों के विरोध में वह पहले से ही इजराइल पर हमले करता रहा है।

पिछले महीने इजराइली एयरस्ट्राइक में उसके कमांडर फुवाद शुकर की मौत हो गई जिसके बाद उसने बदला लेने की बात कही थी.

हिजबुल्लाह चीफ ने कुछ महीने पहले दावा किया था कि उनके पास करीब 1 लाख सैनिक हैं, बता दें कि दुनिया के कई देश ऐसे हैं जिनके पास इतनी बड़ी सेना नहीं है. यही नहीं दावा किया जाता है कि हिजबुल्लाह के पास करीब 2 लाख मिसाइलें और रॉकेट हैं. 

जानकारी के मुताबिक साल 2006 में इजराइल के साथ हुए संघर्ष के बाद से हिजबुल्लाह ने हथियारों का भंडार जमा करना शुरू कर दिया था. यही वजह है कि आज उसके पास 100km रेंज वाला खैबर-1, 160 km रेंज वाले जेलजल-1 समेत शाहीन-1, फतह-110 जैसे करीब 2 लाख रॉकेट और मिसाइलें हैं. 

हिजबुल्लाह के पास एंटी टैंक और एंटी शिप मिसाइल भी है. इसके अलावा हिजबुल्लाह के पास एयर डिफेंस सिस्टम भी है.

यही नहीं हिजबुल्लाह के पास 2000 किलोमीटर की रेंज वाला शहीद-129 ड्रोन भी है. यह ईरान के बनाए खतरनाक ड्रोन में से एक है.

रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस ने इन शहीद ड्रोन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया है. वहीं रविवार को हिजबुल्लाह ने इजराइल पर किए हमले में कत्युशा रॉकेट का इस्तेमाल किया था.

इसकी रेंज करीब 40 किलोमीटर बताई जाती है. बताया जाता है कि इसका इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान से किया जाता रहा है.

इसके अलावा इसके पास 10 किलोमीटर रेंज वाली फज्र-1, 43 किलोमीटर रेंज वाली फज्र-3 और 75 किलोमीटर रेंज वाली फज्र-5 भी है. हिजबुल्लाह के पास पाकिस्तान की शाहीन-1 मिसाइल भी है, जिसकी रेंज करीब 13 किलोमीटर है.

इसके अलावा 100 किलोमीटर रेंज वाला खैबर-1, 160 किलोमीटर की रेंज वाली जेलजल-1, 210 किलोमीटर रेंज वाली जेलजल-2 और 300 किलोमीटर की रेंज वाली फतेह-110 मिसाइल भी हिजबुल्लाह के पास मौजूद है.

ड्रोन की बात करें तो शहीद-129 के अलावा मिरसाद-1, मिरसाद-2, कर्रार और कुद्स यासिर ड्रोन इसकी ताकत बढ़ा रहे हैं.