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रात के बजाए दिन में शादियों का चल रहा है ट्रेंड, जानें क्या है सही नियम?

हिंदू धर्म में विवाह को लेकर कई मान्यताएं और नियम हैं। कुछ विवाह दिन में किए जाते हैं और कुछ विवाह की रस्में रात में की जाती हैं, लेकिन इसके लिए वास्तविक प्रावधान क्या है?

हिंदू धर्म के अनुसार, दिन या रात के किस समय विवाह की रस्में की जानी चाहिए? जगद्गुरु शंकराचार्य ने शास्त्रों के अनुसार इस प्रश्न का उत्तर दिया है।

जगद्गुरु शंकराचार्य कहते हैं कि विवाह का दिन और रात से कोई संबंध नहीं है। यह लगातार बढ़ते क्रम में किया जाता है।

रात में विवाह करने की प्रथा मुगलों के आने के बाद शुरू हुई। क्योंकि दिन में विवाह में बाधाएं आती थीं।

इसलिए विवाह रात में किया जाता था ताकि किसी को पता न चले। दूल्हा शाम को आता था और रात में बारात देखते हुए ये रस्में निभाई जाती थीं।

लेकिन यह सुविधा उस समय की परिस्थितियों के अनुसार थी। लेकिन अब लोग वर्तमान परिस्थिति के अनुसार विवाह के लिए शुभ समय चुनते हैं।

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