उत्तर प्रदेश के सोनभद्र का राजकुमारी चंद्रकांता की कहानी से क्या है संबंध

विजयगढ़ किला 5वीं शताब्दी का सोनभद्र के राजाओं द्वारा बनवाया गया किला है।

यह किला अभी भी अपनी गुफाओं के चित्र, मूर्तियां और शिलालेखों को बरकरार रखता है। इसके अलावा किले के अंदर तालाब भी हैं।

चंद्रकांता सोनभद्र के महाराजा जय सिंह की बहुत बहादुर बेटी थीं। रानी के माता का नाम रत्नगर्भा था, जो मिर्जापुर के राजकुमार की खास पत्नी थीं।

चंद्रकांता का जन्म 1938 में हुआ था। हालांकि, सोनभद्र को अब मिर्जापुर के नाम से जाना जाता है, जहां राजकुमारी की प्रेम कहानी काफी लोकप्रिय है।

रानी चंद्रकांता को बचपन में ही नौगढ़ राज्य के अधिपति सुरेंद्र सिंह के बेटे से प्यार हो गया था। जिनके पुत्र का नाम राजकुमार वीरेंद्र सिंह था।

हालांकि, इन दोनों की प्रेम कहानी किसी कारणवश पूरी नहीं हो सकी, लेकिन आज भी इन दोनों की प्रेम कहानी की मिसाल दी जाती है।

उनकी कहानी में सबसे बड़ी रुकावट दो परिवारों की दुश्मनी थी। बता दें कि नौगढ़ और  विजयगढ़ के बीच दुश्मनी का रिश्ता था।

 विजयगढ़ के महाराज नौगढ़ के राजा को अपने भाई की हत्या का जिम्मेदार मानते थे। इसके अलावा, एक और वजह महामंत्री क्रूर सिंह को भी माना जाता है क्योंकि महामंत्री क्रूर सिंह  चंद्रकांता से काफी प्रेम करता था।