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शारदीय नवरात्रि का क्या हैं  भगवान राम और रावण से                कनेक्शन?

राम-रावण युद्ध की शुरुआत: राम ने माता सीता की खोज में रावण से युद्ध करने का निर्णय लिया और अपनी विजय के लिए माँ दुर्गा की पूजा की।

अकाल बोधन की कथा: भगवान राम ने नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा के लिए देवी को जगाने का प्रयास किया, जिसे "अकाल बोधन" कहा जाता है, क्योंकि यह पूजा उस समय से अलग समय पर की गई थी।

108 नीलकमल की कहानी: राम ने देवी को प्रसन्न करने के लिए 108 नीलकमल चढ़ाने का संकल्प लिया। जब एक नीलकमल गायब हो गया, तो राम ने अपने नेत्र (कमल के समान) चढ़ाने का निश्चय किया।

राम की भक्ति से प्रसन्न हुई माँ दुर्गा: राम के इस भक्ति भाव से माँ दुर्गा प्रसन्न हुईं और उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे रावण पर विजय प्राप्त करेंगे।

नवरात्रि का नौवां दिन: राम ने नौ दिनों तक देवी की पूजा की, और दसवें दिन, जिसे आज विजयदशमी या दशहरा कहते हैं, रावण का वध किया।

शारदीय नवरात्रि का महत्व: इस घटना के कारण शारदीय नवरात्रि को शक्ति की उपासना और बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है।

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