लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की वोटिंग के बाद आज, 1 जून को एग्जिट पोल आने शुरू हो जाएंगे। अगले पांच साल के लिए देश में किसकी सरकार बनेगी, इसका जवाब आपको Exit Poll में मिल सकता है।
हालांकि ये कई बार गलत भी साबित होते हैं. आइये जानते हैं, एग्जिट पोल क्या होते हैं और ये ओपिनियन पोल में क्या अन्तर होता है।
एग्जिट पोल एक चुनावी सर्वे है। मतदान के दिन न्यूज चैनल और एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियां मतदान केंद्रों पर मौजूद होते हैं। मतदान करने के बाद मतदाताओं से चुनाव से जुड़े कुछ सवाल पूछते हैं।
एग्जिट पोल
उनके जवाब के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है. इस रिपोर्ट के आंकलन से पता चलता है कि मतदाताओं का रुझान चुनाव में किधर है. एग्जिट पोल सर्वे में सिर्फ मतदाताओं को शामिल किया जाता है.
ओपिनियन पोल भी एक चुनावी सर्वे है, मगर इसे चुनाव से पहले किया जाता है. इसमें सभी लोगों को शामिल किया जाता है. इसमें मतदाता होने की शर्त अनिवार्य नहीं है.
ओपिनियन पोल
इस सर्वे में विभिन्न मुद्दों के आधार पर क्षेत्रवार जनता के मूड का अनुमान लगाया जाता है. जनता को कौन सी योजना पसंद है या नापसंद है. किस पार्टी से कितना खुश है, इसका अनुमान ओपिनियन पोल से लगाा जाता है.
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद कोई भी एग्जिट पोल या सर्वे जारी नहीं किया जा सकता है. इन्हें अंतिम चरण के मतदान के बाद शाम को वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद ही एग्जिट पोल जारी किया जा सकता है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 126 ए के तहत अंतिम चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद तक एग्जिट पोल जारी करने पर रोक है।
उल्लंघन करने पर दो साल कारावास, जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है।