A view of the sea

हनुमान जी की उड़ने की रफ्तार कितने प्रति सेकंड थी?

रामायण के अनुसार, जब हनुमान जी माता सीता की तलाश में निकले, तब उन्होंने तेज उड़ान की गति को तेज करते हुए  समुद्र पार किया था।

आपको बता दे कि,हनुमान जी की गति को 'गर्जन गति' और 'वायु वेग' के रूप में अंकित किया गया है, ऐसा इसलिए है कहा गया है, क्योंकि वो वायु देव के पुत्र थे।

हनुमान जी की गति इतनी तेज थी कि उन्होंने लंका की दूरी को कुछ ही समय में तय कर लिया था।

रामायण की माने तो हनुमान जी अपनी उड़ान के दौरान 11 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से उड़ते थे।

आपको ये भा बता दे कि, उड़ते समय हनुमान जी की  चाल को 'पवन की गति' से भी तेज बताया गया है।

 उड़ान के समय हनुमान जी अपने बुद्धि और शक्ति का प्रयोग करते थे, जिसके कारण वो बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ते जाते थे।

 रामायण में उनकी उड़ान को 'अपार बल' का प्रतीक कहा गया  है जो श्री राम के प्रति उनकी प्रेम और सेवा के भाव को दर्शाता है।

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