कौन थे वो ब्राह्मण जिन्होंने श्री राम के हाथ से भोजन लेने को कर दिया था साफ़ इंकार
हिंदू धर्मग्रंथों में कई ऐतिहासिक घटनाएँ ऐसी हैं, जिनका प्रभाव समाज की संरचना और परंपराओं पर पड़ा।
ऐसी ही एक कथा भगवान श्रीराम के अश्वमेध यज्ञ और सरयूपारीण ब्राह्मणों से जुड़ी हुई है।
प्राचीन काल में सभी ब्राह्मण एक ही समुदाय के रूप में जाने जाते थे।
लेकिन जब भगवान श्रीराम ने लंका विजय के बाद अश्वमेध यज्ञ करवाया, तो इस यज्ञ के दौरान ब्राह्मणों के बीच एक विवाद उत्पन्न हो गया।
कथाओं के अनुसार, कुछ ब्राह्मणों ने यज्ञ में सम्मिलित होने से इनकार कर दिया। उनका मानना था कि श्रीराम ने रावण का वध कर “ब्रह्महत्या” की थी।
चूंकि रावण जन्म से एक ब्राह्मण था, इसलिए उसे मारना ब्रह्महत्या के समान माना गया।
यही कारण था कि कुछ ब्राह्मणों ने भगवान राम द्वारा कराए गए यज्ञ का भोजन ग्रहण करने से इनकार कर दिया।
भगवान श्रीराम द्वारा कराए गए अश्वमेध यज्ञ के दौरान ब्राह्मण समाज के एक वर्ग ने भोजन स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिससे कारण वे सरयूपारीण ब्राह्मण कहलाए।