ज्योतिष के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को नदियों के पास जाने से मना किया जाता है। इसे नकारात्मक ऊर्जा और डूबकर मरे लोगों की आत्माओं (अस्तिका) से जोड़ा जाता है।
गर्भवती महिलाओं को रात में घर से बाहर जाने से मना किया जाता है। रात का समय अज्ञात और नकारात्मक शक्तियों का समय माना गया है।
रात में पेड़ों के नीचे न जाने की सलाह दी जाती है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार, इस समय पेड़ों के पास नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
गर्भवती महिलाओं को बाल काटने से बचने की सलाह दी जाती है। इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से शुभ नहीं माना जाता।
नदी क्षेत्रों में गंदगी और कूड़े की वजह से गर्भवती महिलाओं को संक्रमण और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है।
नदी किनारे की जमीन पर अक्सर काई होती है, जिससे गर्भवती महिलाओं के फिसलने और चोट लगने की संभावना रहती है।
बड़े-बुजुर्गों के अनुसार, नदियों में नकारात्मक शक्तियां हो सकती हैं। इसे गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ माना जाता है।
ज्योतिष और स्वास्थ्य विशेषज्ञ दोनों ही गर्भवती महिलाओं को अपने खान-पान और जीवनशैली में विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं।
गर्भवती महिलाओं को ज्योतिषीय और स्वास्थ्य कारणों से साफ और सुरक्षित स्थानों में रहना चाहिए, ताकि उन्हें और उनके बच्चे को कोई खतरा न हो।