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गाड़ियों के टायर काले रंग के ही क्यों होते हैं?

दुनिया भर में कई तरह की गाड़ियां हैं। लेकिन साइकल से लेकर एरोप्लेन तक के टायरों का कलर काला होता है। 

गाड़ी लेते समय लोग कलर का पूरा ध्यान रखते हैं। अपने पसंद का कलर ना मिलने पर महीनों इंतजार भी करते हैं।

लेकिन कोई भी कलर की गाड़ी हो उसके टायर का रंग काला ही होता है। 

क्या आपने कभी इसके पीछे की वजह सोचने की कोशिश की है। इसके पीछे कई कारण है..

टायरों को बनाने के लिए रबर का यूज किया जाता है। इस रबर का कलर सफेद होता है। 

रबर सॉफ्ट होने के कारण जल्दी घिस जाती है। इसे हार्ड बनाने के लिए इसमें कार्बन और सल्फर मिलाया जाता है। 

जिसकी वजह से रबर का रंग काला पड़ जाता है और टायर काले रंग में ही मिलती है। 

साथ ही यह भी कहा जाता है कि गाड़ी की टायर पुराना होने पर घिस जाता है। दूसरे कलर में रहने पर उसका रंग भी चला जाएगा। अगर कलर बदलता है तो इसका सीधा असर गाड़ी के लुक पर जाता है। 

वहीं इसके पीछ एक और वजह है कि गाड़ी के टायरों के रंग लाल या पीला होता तो वो सड़क के रंग से मैच नहीं करता। जिससे गाड़ी चला रहे चालक का फोकस बार-बार बिगड़ सकता था। 

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