हमेशा गले में क्यों पहनती है ये खास माला देवी चित्रलेखा,खुद बताई वजह

कथावाचक चित्रलेखा का हरियाणा में रहती है, वह देश की मशहुर कथावाचिकाओं में से एक हैं

वह सोशल मीडिया पर बहुत मशहुर हैं और उनके कथा की वीडियोज भी काफी वायरल होते रहते हैं।

एक बार कथावाचक चित्रलेखा से उनके यूनिक माला के बारे में पूछा गया साथ में ये भी की क्या इसको पहनने के कुछ नियम भी होते है।

कथावाचक चित्रलेखा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, 'यह तुलसी माला है, इसे कंठी माला भी कहते हैं क्योंकि इसे गले (कंठ) के पास पहनते हैं'।

'शास्त्र के अनुसार जब हम कोई भी भगवान को भोग लगाते हैं तो उसमें तुलसी के पत्ते रखे जाते हैं क्योंकि भगवान बिना तुलसी के भोग स्वीकार नहीं करते हैं'।

'ये तो हमारा शरीर है। अगर आप अपने इस शरीर को भगवान को देना चाहते है तो तुलसी का होना बहुत ही जरूरी है इसलिए तुलसी की माला पहनते हैं'।

'सूखी तुलसी की लकड़ियों से इसको बनाया जाता है। लोग इसके नियमों से बहुत डरते हैं कि पता नहीं क्या करना पड़ जाएगा'।

'सूखी तुलसी की लकड़ियों से इसको बनाया जाता है। लोग इसके नियमों से बहुत डरते हैं कि पता नहीं क्या करना पड़ जाएगा'।

'लेकिन ऐसा नहीं है। बस आप इसे पहनने के बाद किसी भी गलत काम को करने से बचें'।

'इस माला में इतनी ताकत है कि वह आपको गलत कामों से दूर कर ही देती है। इसकी अपनी एक शक्ति और अपनी वाइब्रेशन है'।