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नवरात्रि के 8वें दिन करें महागौरी की पूजा-अराधना, जानें विधि और कथा

अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा होती है। माता को अति गौर वर्ण और सुंदर होने की वजह से महागौरी कहते हैं। महागौरी की पूजा करने से सभी असंभव कार्य पूरे हो जाते हैं। इनकी पूजा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्‍ति होती है। साथ ही सभी पापों का नाश होता है।

माता महागौरी की पूजा-विधि

महागौरी की पूजा में मां गौरी की फोटो को चौकी पर रखकर गंगाजल से शुद्ध कर लें। जिसके बाद मिट्टी, तांबे या चांदी के लोटे में पानी भरकर के उस पर नारियल रखकर कलश स्थापित करें। जिसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ इस व्रत का संकल्प करें और पूजा करें।

महागौरी की कथा-

पौराणिक कथा के मुताबिक, देवी महागौरी माता पार्वती का रूप हैं। शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। वर्षों तक तप करने के कारण देवी का रंग काला पड़ गया था। जिससे माता गौरी कोशिका कहलाईं। देवी की तपस्या से भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न हुए। जिसके बाद उन्होंने देवी को श्वेत वर्ण प्रदान किया। इसलिए देवी को महागौरी के नाम से जाना जाता है।

इस मंत्र का करें जाप-

महागौरी की पूजा में इस मंत्र का जाप करें। मंत्र- श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥

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