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नरेश भारद्वाज, कैथल : 17 मार्च को होलिका दहन है। इस दिन दो बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं और ये बड़े ग्रह राहु-केतु हैं। हमेशा उल्टी चाल चलने वाले राहु और केतु एक राशि में 18 महीने तक रहते हैं। इसी नियम के अनुसार 17 मार्च को 18 महीने बाद वृष राशि से मेष राशि में और केतु वृश्चिक राशि से तुला राशि में गोचर करने वाले हैं। इन ग्रहों के राशि परिवर्तन का प्रभाव देश-दुनिया और सभी राशि पर पड़ेगा।
हालांकि ज्योतिष में राहु-केतु को अशुभ ग्रह माना जाता है लेकिन कुछ परिस्थितियों में ये काफी शुभ फल प्रदान भी करते हैं। श्री ज्योतिष सेवा संस्थान भीलवाड़ा राजस्थान के ज्योतिर्विद पंडित रामपाल भट्ट का कहना है कि राहु-केतु का होलिका दहन के दिन वास्तविक परिवर्तन से कुछ राशियों के लिए होली कुछ ज्यादा ही रंगीन यानी लाभप्रद रहने वाली है। राहु ग्रह का आगमन 17 मार्च को मेष राशि में होने जा रहा है।
18 महीने के बाद हमेशा उलटी चाल से चलने वाले ग्रह राहु केतु का राशि परिवर्तन करना पूरी दुनिया के लिए बड़े बदलाव को लेकर आएगा। इस बदलाव से भारत भी अछूता नहीं रहने वाला है। राहु के मेष राशि में आने से भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था और आम जनजीवन पर बड़ा असर डालेगा।
पंडित रामपाल भट्ट का कहना है कि हिन्दू ज्योतिष के भूकेंद्रीय अन्वेषण में पृथ्वी को केंद्र मानकर सूर्य, चंद्रमा और पांच तारा ग्रहों (मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि) की क्रान्तिवृत (राशि चक्र) में स्थिति देखी जाती है l इसके अतिरिक्त सूर्य और चंद्रमा के परिक्रमा पथ का कटान बिंदु (पात) को राहु और केतु रूपी छाया ग्रह मानकर उसका अध्धयन किया जाता है। सूर्य और चंद्रमा के राशिचक्र में स्थिति बदलने के साथ ही राहु-केतु की स्थिति भी बदलती रहती है।
राहु-केतु उलटे चलते हुए 18 महीनों के बाद राशि बदलते हैं जिसके प्रभावों का आंकलन मेदिनी ज्योतिष में किया जाता है। आगामी 17 मार्च को राहु वृषभ राशि को छोड़कर इससे पिछली राशि मेष में प्रवेश करेंगे जहाँ वह अगले डेढ़ वर्ष तक रहेंगे। राहु के मेष राशि में प्रवेश के समय की कुंडली में मकर राशि में शनि, मंगल और शुक्र तीन ग्रहों की युति रहेगी। इससे वैश्विक पटल पर बड़ी उथल-पुथल होने की आशंका दिखती है जिसका प्रभाव भारत पर भी दिखेगा।
भविष्यफल भास्कर के अनुसार मेष राशि में राहु के आने से ‘दुर्भिक्ष’ पड़ता है, जिसे हम आधुनिक परिपेक्ष में ‘खाने-पीने’ की वस्तुंओं की कमी तथा उनकी कीमतों में वृद्धि से समझ सकते हैं। मेष राशि में राहु के प्रवेश के समय उस पर मकर राशि से क्रूर ग्रह मंगल की चौथी दृष्टि के कारण रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत की अर्थव्यस्था पर बुरा प्रभाव दिखने लगेगा। पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों के बढ़ने के बाद जरूरी उपभोगता वस्तुओं के मूल्यों में भी इजाफा होने से जनता परेशान होगी।
यूक्रेन और रूस दुनिया के बड़े गेहूं उत्पादक देश हैं, जिनके युद्ध के चलते दुनियाभर में गेहूं तथा अन्य अनाजों की कीमतों में वृद्धि होगी। कुछ देशों में अन्न की कमी से कानून-व्यवस्था को लेकर भी संकट की स्थिति पैदा होगी। भारत में मार्च के मध्य से बेमौसम की वर्षा से उत्तर और मध्य भारत में कुछ क्षेत्रों में खडी फसलों को नुक्सान हो सकता है।
अप्रैल के महीने में मेष राशि से एकदश भाव में कुंभ राशि में शनि-मंगल की युति तथा जून में मेष राशि में राहु-मंगल की युति के समय स्टॉक मार्केट में उथल-पुथल मच सकती है। भारत में अप्रैल से सितंबर तक का समय सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं और अधिकारियों की सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है। आज़ाद भारत की कुंडली में चंद्रमा में बुध की अंतर्दशा में जब मंगल और राहु का प्रत्यंतर अप्रैल से सितंबर के महीनों में होगा तब बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल मच सकती है।
बड़े नेताओं के संदर्भ में कुछ अप्रिय घटनाएं सामने आ सकती हैंl राहु से ठीक सातवें भाव में तुला राशि में गोचर कर रहे केतु आज़ाद भारत की कुंडली में तुला में बैठे गुरु के अंशों पर पहुंच कर जुलाई के महीने में कुछ बड़ी प्रकृति आपदा जैसे बाढ़-भूस्खलन से जन धन की हानि करवा सकते हैं।
राहु-केतु का शुभ प्रभाव मिथुन राशि पर पड़ेगा। इस दौरान आपको बिगड़े हुए कार्य बनने लग जाएंगे और उनमें सुधार भी आएगा। साथ ही भूमि व वाहन खरीदने के योग बन रहे हैं और मेहनत का पूरा फल प्राप्त होने में सफल भी होंगे। नौकरी पेशा जातकों की आय में वृद्धि की संभावना बन रही है और व्यवसायियों के लिए यह समय अपने व्यापार विस्तार में लगाएंगे। दो ग्रहों के गोचर के प्रभाव से आपके अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और विदेश यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं।
वृश्चिक राशि पर राहु-केतु का अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान अचानक धन लाभ होगा और प्रिय बंधुओं से मेल मिलाप होगा। परिवार के लिहाज से देखें तो पारिवारिक सदस्यों के साथ रिश्ते मजबूत होंगे और परिवार में आपसी प्रेम के साथ सुख-शांति बनी रहेगी। हालांकि लव लाइफ पर आपको ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी।
नौकरीपेशा जातकों की बात करें तो काम पर उनकी पकड़ मजबूत होगी और सहकर्मियों के साथ अधिकारियों का भी पूर्ण समर्थन मिलेगा। वहीं जो खुद का व्यवसाय कर रहे हैं, उनके प्रदर्शन कामयाब होंगे। इस गोचर के दौरान अगर आप व्यावसायिक योजनाओं को लेकर गंभीर रहेंगे तो अच्छा आर्थिक लाभ होगा।
धनु राशि के लिए राहु-केतु का गोचर काफी लाभदायक रहने वाला है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में किए गए आपके प्रयास न सिर्फ होंगे बल्कि उनसे लाभ भी होगा। इससे आप अपने काम की वजह से कार्यक्षेत्र में अच्छी प्रतिष्ठा बना पाएंगे। शेयर व स्टॉक मार्केट में काम करने वाले जातकों का भाग्य अच्छा साथ देगा, इस दौरान आप अच्छे लाभ की उम्मीद कर सकते हैं। व्यक्तिगत रूप से आप इस अवधि में कई समस्याओं से मुक्त हो जाएंगे, जिसकी वजह से आप काफी खुश व संतुष्ट नजर आएंगे। गोचर के प्रभाव से आपका सामाजिक दायरा भी बढ़ेगा, लोगों के साथ अच्छा रिश्ता निभा पाएंगे।
राहु -केतु प्रभाव मकर राशि के लिए काफी शुभ फलदायी रहने वाला है। इस दौरान आपके पुरुषार्थ में वृद्धि होगी, जिसके प्रभाव से अटके हुए सरकारी कार्य किसी अधिकारी की मदद से पूरे हो जाएंगे। साथ ही कोई मंगल कार्य भी हो सकता है। इस अवधि में आपको अचानक से शुभ अवसरों के साथ-साथ लाभ के नए तरीके भी मिलेंगे। इस राशि के जो जातक नई नौकरी तलाश कर रहे हैं, उनके अच्छे मौके मिल सकते हैं। गोचर काल की वजह से आप हर चुनौतियों से निपटने में सक्षम होंगे और झुकाव अध्यात्म की तरफ बढ़ सकता है।
कुंभ राशि के लिए राहु-केतु का गोचर मंगलकारी रहने वाला है। इस दौरान आपके पराक्रम के साथ उत्साह में भी वृद्धि होगी और धन लाभ के साथ उन्नति के अवसर भी प्राप्त होंगे। अगर आप इस अवधि में किसी नए उद्योग में शामिल हुए हैं तो कम समय में आप बाजार में अपनी प्रतिष्ठा बना पाएंगे।
साझेदारी में काम करने वाले लोग भी इस समय नई ऊंचाइयों को छूने में सफल रह सकते हैं। साथ ही तरक्की के लिए आप कुछ यात्राएं भी कर सकते हैं, जहां आपको कुछ नए ऑर्डर मिल सकते हैं। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो इस अवधि में आप खुशहाल रहेंगे और हर किसी का सहयोग करने में आगे रहेंगे।
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