Holika Dahan Muhurat 2022
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिषाचार्य
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
- फाल्गुन पूर्णिमा 2022
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ मार्च 17, 2022 को 13.30 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त दृ मार्च 18, 2022 को 12.48 बजे
- होलिका दहन मार्च 17,2022
- होलिका दहन मुहूर्त -18:33 से 20:58
होलिका दहन का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
Holika Dahan Muhurat 2022 होली के आयोजन में अग्नि प्रज्जवलित कर वायुमंडल से संक्रामक जर्म्स दूर करने प्रयास होता है। इस दहन में वातावरणशुद्धि हेतु हवन सामग्री के अलावा गूलर की लकड़ी,गोबर के उपले, नारियल,अधपके अन्न आदि के अलावा बहुत सी अन्य निरोधात्मक सामग्री का प्रयोग किया जाता है जिससे आने वाले रोगों के कीटाणु मर जाते हैं। (Scientific Approach of Holika Dahan) जब लोग 150 डिग्री तापमान वाली होलिका के गिर्द परिक्रमा करते हैं तो उनमें रोगोत्पादक जीवाणुओं को समाप्त करने की प्रतिरोधात्मक क्षमता में वृद्धि होती है और वे कई रोगों से बच जाते है।ऐसी दूर दृष्टि भारत के हर पर्व में विद्यमान है जिसे समझने और समझाने की आवश्यकता है।
देश भर में एक साथ एक विशिष्ट रात में होने वाले होलिका दहन, इस सर्दी और गर्मी की ऋतु -संधि में फूटने वाले मलेरिया ,वायरल, फलू और वर्तमान कोरोना आदि तथा अनेक संक्रामक रोग-कीटाणुओं के विरुद्ध यह एक धार्मिक सामूहिक अभियान है। इस पर्व को नवानेष्टि यज्ञ भी कहते हैं क्योंकि खेत से नवीन अन्न लेकर यज्ञ में आहुति देकर फिर नई फसल घर लाने की हमारी पुरातन परंपरा रही है।
होलिका दहन पर विभिन्न समस्याओं के लिए कर सकते हैं एक से अधिक विशेष उपाय
होली व दीवाली ऐसे विशेष अवसर हैं जब हर प्रकार की साधनाएं, तांत्रिक क्रियाएं तथा छोटे छोटे उपाय भी सार्थक हो जाते हैं। ये सभी उपाय होलिका दहन में किए जाते हैं। आप अपने इलाके में पहले से ही देख कर रखें कि होलिका किस मंदिर में पूरे अनुष्ठान से प्रज्जवलित की जाएगी, वहां निर्धारित समय पर पहुंच जाएं और अपनी समस्याओं के अनुसार उपाय करें।
- यदि कोई बहुत बीमार है या दवा नहीं लग रही तो एक मुट्ठी पीली सरसों, एक लौंग, काले तिल ,एक छोटा टुकड़ा फिटकड़ी , एक सूखा नारियल लेकर उस पर 7 बार उल्टा घुमा के होलिका में दहन कर दें।
- दांपत्य जीवन में मिठास लाने के लिए – रुई की 108 बत्त्यिां देसी घी में भिगो के होलिका में संबंध सुधार की अनुनय सहित एक एक करके परिक्रमा करते हुए डालें। यह उपाय माता – पिता अपने बच्चो,ं बर-वधु की फोटो पर घुमा कर भी कर सकते हैं।
- यदि आपको लगता है कि किसी ने आपके उपर तांत्रिक अभिचार किया हुआ है जिसके कारण आपकी प्रगति ठप्प हो गई है तो देसी घी में भीगे दो लौंग ,एक बताशा,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख ला के शरीर पर मलें और नहा लें। तांत्रिक अभिचार दूर हो जाएगा
- यदि आपको लगता है कि बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो – देसी घी में भीगे पांच लौंग ,एक बताशा,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। करें।दूसरे दिन वहां की राख ला के ताबीज में भर के बच्चे को पहनाएं।
- यदि आपके घर को बुरी नजर लग गई है उसे उतारने का यह स्वर्णिम अवसर है। देसी घी में भीगे दो लौंग ,एक बताशा, मिश्री ,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख ला के लाल कपड़े में बांध के घर में रखें।
- यदि कोई आपकी धन वापसी में बेईमानी कर रहा है और आप मुकदमे में नहीं पड़ना चाहते तो – होलिका दहन स्थल पर धन न लौटाने वाले का नाम जमीन पर अनार की लकड़ी से त्रिकोण के अन्दर लिखें और उस पर हरा गुलाल छिड़क दें। होलिका माता से धन वापसी की प्रार्थना करें।अगले दिन वहां से राख उठा के जल में उस व्यक्ति का नाम लेते हुए प्रवाहित कर दें।
- आपके घर ,दूकान, प्रतिष्ठान को नजर लग गई हो या प्रतिद्वंदी ने कुछ करा दिया हो तो ,होलिका दहन की सायं मुख्य द्वार की दहलीज पर लाल गुलाल छिड़कें, उस पर आटे का दोमुखी दिया ,थोड़ा सा सरसों का तेल डाल कर जलाएं। समस्याओं के निराकरण की प्रार्थना करें और दीपक ठंडा होने पर होलिका में डाल आएं। लाभ होगा।
- कमल गटटे् की माला से – ओम् महालक्ष्म्यै नमः का जाप करें। यही माला धारण कर के होलिका के निकट देसी घी का दीपक जला कर आर्थिक संपन्नता की प्रार्थना करें, शीघ्र लाभ होता है।
- यदि कोई आत्मीय आपका कहना नहीं मानता या आपका शत्रु ही बन गया हो तो उसका नाम लेते हुए होलिका की रात, लाल चंदन की माला से इस मंत्र का जाप करें- ओम् कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नो अनंग प्रचोदयात!!
- व्यापार वृद्धि तथा नजर उतारने के लिए, दूकान, आफिस या कार्यालय में सायंकाल एक सफेद कपड़े पर गेहूं और सरसों की 7 – 7 ढेरियां रखें। इन पर एक एक काली मिर्च रखें। 7 निम्बू के 2-2 टुकड़े कर के इन ढेरियों पर रखें। निम्न मंत्र का 7 बार पाठ करें- ओम् कपालिनी स्वाहा ! पाठ समाप्ति पर इस सारी सामग्री की पोटली बनाकर लाल मौली से गांठ लगाकर बांध लें और दूकान या घर में एक सिरे से आरंभ कर के चारों कोनों पर घुमा कर बाहर ले आएं। इस पोटली को होलिका में डाल दें।
- दूकान,आफिस, फैक्ट्र्ी या मकान में अक्सर होने वाली या अचानक चोरी या नुक्सान, के बचाव हेतु – सूखा नारियल और तांबे का पैसा घर या दूकान में सात बार चारों कोनों में घुमा कर होलिका में डालें।
- धनवृद्धि हेतु होलिका में यह मंत्र ‘ ओम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मय नमः ’ 108 बार पढ़ते जाएं और शक्कर की आहुति देते जाएं।
- कार्यसिद्धि के लिए, खोपे के दो आधे – आधे कटोरे की शक्ल में टुकड़े कर लें। इस में कपूर, काले तिल, बर्फी ,सिंदूर, हरी इलायची, लौंग रख के इस मंत्र की एक माला करें- ओम् हृीं क्लीं फट् स्वाहा ! सामग्री को काले कपड़े में बांध कर होलिका में 7 परिक्रमा करके अर्पित कर दें।
- यदि सरकार या व्यक्ति विशेष से बाधा है तो – होलिका में उल्टे चक्क्र लगाते हुए आक की जड़ के 7 टुकड़े ,विरोधी का नाम लेते हुए डालें।
- यदि व्यापार में लगातार घाटा या आर्थिक हानि हो रही है तो- होलिका दहन की सायं दूकान या मकान के मुख्य द्वार की चौखट पर गुलाल छिड़कें ,उस पर आटे का बना चार मुखी दीपक जलाएं।उस दीपक को जलती होलिका में डाल आएं।
- गंभीर रोग यदि मेडीकल उपचार से भी ठीक नहीं हो रहा तो – देसी घी में भीगे दो लौंग ,एक बताशा, मिश्री ,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें।दाएं हाथ में 4 गोमती चक्र लेके रोग मुक्ति की प्रार्थना करें। गोमती चक्र रोगी की पलंग के चारों पायों में चांदी की तार से बांध दें।
- या – 11 गोमती चक्र पीड़ित के उपर से 21 बार विपरीत दिशा में घुमाएं और होलिका में फेंक दें।या दक्षिण दिशा में फेंकें। या दो लौंग, काले तिल, सरसों,नारियल 21 बार उसार के अग्नि में डालें।
- यदि पति या पत्नि किसी के चंगुल मे है तो होली की 7 परिक्रमा करते हुए औरत या उस पुरुष का नाम लें 7 गोमती चक्र डालते जाएं।
- यदि राज्यप्रकोप- हो तो तेजफल और गेहूं की एक मुट्ठी होलिका में डालें ।
- किसी प्रकार का विवाद, दोस्तों से मनमुटाव हो तो एक मुट्ठी चावल और 7 फूटी कौड़ियां होलिका में भस्मित करें।
- किसी प्रकार का भाइयों से मनमुटाव या भूमि विवाद हो तो 11 नीम की पत्तियां और लाल चंदन ,होलिका दहन में अर्पित करें ।
- गले या वाणी या त्वचा संबंधी रोग के लिए- हरी मूंग की एक मुट्ठी डालें।
- पिता या किसी बुजुर्ग से विवाद समाप्ति हेतु, हल्दी की 7 गांठें और एक मुटठी चने की दाल डालें ।
- खांसी, अस्थ्मा से पीड़ित व्यक्ति के उपर से सात बार उल्टा घुमा के – 48 बादाम होलिका में समर्पित करें।
- पु़त्र या पुत्री से परेशानी, हो या वह कहने में न हो तो सूखे प्याज लहसुन और हरा नींबू डालें।
- धन न टिकता हो तो होली के दिन 5 कौड़ियां ,लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी , कैेश बॉक्स में रखें।
ये अनुभूत पारंपरिक तथा आंचलिक उपाय हैं जिन्हें सदियों से हमारे देश में प्रयोग कर लाभ उठाया जा रहा है। आप भी आजमा सकते हैं।
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