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Kidney Transplant Approved In PGI Rohtak: पीजीआई रोहतक में किडनी ट्रांसप्लांट को मंजूरी, नहीं खाने होंगे चंडीगढ़-दिल्ली के धक्के

India News Editor • LAST UPDATED : March 11, 2022, 11:27 pm IST
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Kidney Transplant Approved In PGI Rohtak: पीजीआई रोहतक में किडनी ट्रांसप्लांट को मंजूरी, नहीं खाने होंगे चंडीगढ़-दिल्ली के धक्के

Kidney Transplant Approved In PGI Rohtak

Kidney Transplant Approved In PGI Rohtak

डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़:
Kidney Transplant Approved In PGI Rohtak: हरियाणा में फिलहाल तक किसी भी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं है और इसके चलते मरीजों को दूसरे राज्यों या प्रदेश की राजधानी यूटी चंडीगढ़ के धक्के खाने पड़ते हैं। इसके चलते उनको खासी परेशानी होती है और खासे पैसे खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दूसरे राज्यों के धक्के खा रहे मरीजों व उनके परिजनों के लिए राहत वाली खबर ये है कि सरकार ने इस साल से पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआईएमएस) (Graduate Institute of Medical Science) रोहतक में किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) की मेडिकल फैसिलिटी को शुरू करने का फैसला किया है।

सरकार की तरफ से कहा गया है कि पीजीआई रोहतक ने अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) की मेडिकल सुविधा करने का चैलेंज लिया है और उम्मीद है कि ये 2022-23 यानी कि इसी साल ये सुविधा ऑप्रेशनल होगी। इसके चलते प्रदेश के मरीजों को खासा फायदा होगा। हालांकि पीजीआई में ट्रांसप्लांट शुरू करने की चर्चा काफी लंबे समय से चल रही है तो ऐसे में अब इसी सुविधा को अमली जामा पहनाने की इसी साल पूरी संभावना है।

नोटो की जानकारी में हरियाणा में 1500 से ज्यादा मरीज ट्रांसप्लांट के लिए

पिछले साल नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (नोटो) (National Organ and Tissue Transplant Organization) से एक आरटीआई (RTI) के माध्यम से पूछा गया था कि हरियाणा से कितने लोगों के आवेदन किसी भी तरह के ओर्गन ट्रांसप्लांट के लिए आए हैं। इसमें खुलासा हुआ था कि करीब 1500 से ज्यादा मरीजों ने किडनी, लीवर या अन्य किसी भी तरह के अंग के लिए प्रत्यारोपण के लिए आवेदन किया था।

इसके अलावा इनमें कोर्निया, हार्ट, फेफड़ों के ट्रांसप्लांट के लिए भी मरीजों के आवेदन थे। वहीं कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिनका एक साथ एक से ज्यादा अंग का प्रत्यारोपण होना है। चूंकि उपरोक्त आंकड़े पिछले साल के मध्य का है तो अब वाजिब की प्रदेश में अब तक ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं होने के चलते ट्रांसप्लांट के आवेदकों की संख्या भी पढनी लाजिमी है।

हरियाणा 1100 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट की बाट में

हरियाणा में जो मरीज किडनी ट्रांसप्लांट की बाट जोह रहे हैं, उनका अनुमानित आंकड़ा 1100 से ज्यादा माना जा रहा है। किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं होने के चलते आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। एक आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार जो कि नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (नोटो) द्वारा मुहैया कराई गई थी, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आवेदकों की संख्या सबसे ज्यादा है। पीजीआई में नई सुविधा के शुरू होने के बाद ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पीजीआई चंडीगढ़ व दिल्ली जाने को मजबूर लोग

फिलहाल किडनी ट्रांसप्लांट की फैसिलिटी के अभाव में प्रदेश के मरीजों को चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर की ओर रूख करना पड़ता है। लेकिन वहां वेटिंग इतनी लंबी होती है कि कई बार तो ट्रांसप्लांट के इंतजार में मरीज की जिंदगी चली जाती है। मिली जानकारी अनुसार वहां पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा कर रहे मरीजों की संख्याा 2589 है तो ऐसे में समझना आसान है कि वहां स्थिति क्या है। वहीं हरियाणा के 417 मरीज किडनी ट्रांसप्लांट की वेटिंग में हैं।

इसके अलावा पीजीआई चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा वेटिंग कॉर्निया ट्रांसप्लांट की है, जो कि करीब 3 हजार के आस पास है। वहीं प्रदेश के मरीजों को ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली भी जाना पड़ता है। हरियाणा के मरीज दिल्ली के एम्स समेत कई अस्पतालों का रुख करते हैं लेकिन बता दें कि वहां भी कई महीने की वेटिंग है। ऐसे में प्रदेश के मरीजों के पास इंतजार के अलावा कोई और चारा नहीं है कि समय पर ट्रांसप्लांट कैसे करवाएं।

बाहरी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट व डायलिसिस का महंगा खर्चा

वहीं दूसरी तरफ ये भी बता दें कि जो लोग किडनी फेल्योर की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, उनको डायलिसिस करवाना पड़ता है जिसमें मरीज को गंभीर स्थिति में सप्ताह में दो बार तो कई को सप्ताह में एक बार डायलिसिस करवाना पड़ता है। इस पर हर महीने करीब 3 से 4 हजार का खर्च आता है जो आर्थिक रूप से कमजोर तबके के मरीजों के लिए वहन करना आसान नहीं है।

जानिए क्या है नोटो, ओर्गन ट्रांसप्लांट के हर पहलू की जिम्मेदारी नोटो पर

नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट (नोटो) ऐसा संगठन है जो कि केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के अंडर काम करता है। ये सभी तरह के ट्रांसप्लांट संबंधी डाटा को मेंटेन करता है। इसके अलावा देश भर में ट्रांसप्लांट को लेकर जितने भी कार्यक्रम चलाए जाते हैं या फिर अस्पतालों में किसी भी तरह के ओर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर नई मेडिकल फैसिलिटी शुरू करनी है तो वो नोटो की देखरेख में ही होती है।

नोटो इसके अलावा देश भर में ऑर्गन व टिश्यू की प्रोक्योरमेंट और उसकी जरूरत के हिसाब से वितरण का काम भी देखता है। साथ साथ नोटो ऑर्गन डोनर, अंग प्रत्यारोपण किए जाने मरीजों, ओर्गन ट्रांसप्लांट की गाइडलाइन और प्रोटोकॉल व इसकी सर्जरी प्रक्रिया समेत तमाम पहलुओं को देखता है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि मुझे इस बात की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पीजीआईएमएस ने अंग प्रत्यारोपण की चुनौती को स्वीकार किया है। मुझे पूरी उम्मीद है किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा इसी साल शुरू हो जाएगी। इसके शुरू होने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अन्य जगह जाने वाले मरीजों को निश्चित रूप से फायदा मिलेगा। सरकार निरंतर प्रयासरत है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जाए।

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