रोहित रोहिला, चंडीगढ़:
Congress Engaged In Damage Control: पंजाब विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेंस के नेताओं ने एक दूसरे पर तीखे हमले तेज कर दिए है। चुनाव में हार मिलने के बाद डमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेंस ने पंजाब कांग्रेंस भवन में मालवा वन और टू क्षेत्र के उम्मीदवारों को लेकर बुलाई गई मीटिंग में उम्मीदवारों में से कुछ उम्मीदवारों ने हार का ठिकरा सिद्धू के सिर को कुछ ने चन्नी के सिर फोडा। वहीं कुछ उम्मीदवार बैलेंस नजर आए और उन्होंने हार की वजह पार्टी की अंदरूनी कलह को बताया।
पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने चुनाव में पार्टी की हार का पता लगाने के लिए उम्मीदवारों के साथ वन टू वन मीटिंग कर हार के कारणों का पता लगाया। यह मीटिंग वन टू वन इसलिए भी की गई क्योंकि चौघरी नहीं चाहते थे कि कोई भी एक दूसरे के सामने किसी का नाम लेकर अपनी बात रखे जिससे पार्टी के नेताओं में कलह बढ सकती थी। चौधरी ने चुनावों में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी भी ली।
हार के कारण जानने के लिए बुलाई गई कांग्रेस की मीटिंग में मालवा की सभी 69 सीटों के उम्मीदवारों को इस मीटिंग में बुलाया गया था। मालवा में कांग्रेंस 69 में से केवल दो ही सीटे जीत पाई है। इस मीटिंग में कांग्रेंस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू,पूर्व सीएम चरनजीत सिंह चन्नी,पूर्व स्वास्थ्रू मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू,भारत भूषण आशु,साधू सिंह धर्मसोत सहित अन्य उम्मीदवार भी पहुंचे थे। इस मीटिँग में मालवा वन और टू के उम्मीदवारों को ही बुलाया गया। इस मीटिंग के बाद माझा और दोआबा के उम्मीदवारों के साथ भी मीटिंग होगी।
हांलाकि पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने उम्मीदवारों से वन टू वन मीटिंग की है। लेकिन मीटिंग से पहले ही कई नेताओं ने मीडिया के सामने अपनी भडास निकाल दी। किसी ने पार्टी की हार की मुख्य वजह चन्नी को सीएम बनाया जाना बताया तो किसी ने सिद्धू की ब्यानबाजी को लेकर पार्टी की हार को मुख्य वजह बताया। हालांकि पूर्व सीएम चरनजीत सिंह चन्नी पर हार ठिकरा ज्यादा फोडा गया। क्योंकि वह अपनी दोनों ही सीटें नहीं बचा पाए थे।
मीटिंग के दौरान कुछ उम्मीदवारों ने चौधरी को बताया कि चुनाव में पार्टी की हार की एक मुख्य वजह कर्मचारियों की अनदेखीह करना भी रहा। सूबे में लगभग 3.50 लाख कर्मचारी है एवं2.50 पेशनधारक है। वित्त विभाग की ओर से कर्मचरियों की अनदेखी करने की वजह से भी एक बडे कर्मचारी वर्ग ने कांग्रेंस के पक्ष में मतदान करने से परहेज किया। इसके अलावा कांग्रेंस अध्यक्ष सिद्धू द्वारा ब्रहामणों को लेकर दिए एक विवादित ब्यान को लेकर हिंदू वोट बैंक कटने की बात भी कही गई। इसके अलावा पूर्व सीएम चन्नी द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान प्रवासी लोगों को लेकर दिए गए बयान की वजह से भी वोट बैंक खिसकने के बारे में प्रभारी को बताया गया।
इस मीटिंग के दौरान उम्मीदवारों ने साफ तौर पर कहा कि चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को पार्टी की अंदरूनी कलह का भी खामियाजा भुगतना पडा। उम्म्ीदवारों ने साफ कहा कि पार्टी की अंदरूनी कलह को लेकर एक दूसरे पर की जा रही बयानबाजी के चलते किस मुंह से लोगों के बीच जाते। ऐसे में लोगों ने भी कांग्रेस को मतदान करने से गुरेज किया।
हार के कारणों को जानने के लिए बुलाई गई मंथन मीटिंग के दौरान कुछ उम्मीदवारों ने चन्नी के रिश्तेदार के घर ईडी की रेड का मामला भी उठाया। कुछ उम्मीदवारों ने कहा कि जहां कांग्रेंस एक और दलित और ईमानदार सीएम एवं सरकार बनाने की बात कर रही थी। वहीं चन्नी के रिश्तेदार केयहां पडी रेड और करोडों रुपये पकडे जाने की वजह से भी उम्मीदवारों को और पार्टी को नुकसान हुआ है।
मीटिंग में शामिल होने आए गुरप्रीत जीपी ने हार का पूरा ठिकरा चन्नी के सिर फोडते हुए कहा कि पार्अी हाईकमान को मिसगाइड किया गया था। अगर चन्नी की जगह सीएम पद का चेहरा नवजोत सिंह सिद्धू होते तो कांग्रेंस कम से कम 50 सीटे जीत कर आती। लेकिन हाईकमान की चन्नी को सीएम बनाए जाने का फैसला ठीक नहीं था।
चुनाव हारने के बाद पंजाब कांग्रेंस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को भी पद से हटाए जाने की चर्चाएं जोर पकड रही ळै। क्योंकि चन्नी की ही तरह सिद्धू भी चुनाव में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। ऐसे में अब मामना जा रहा है कि इन मीटिंगों के बाद पंजाब कांग्रेंस में बडा बदलाव देखने को मिल सकता है। मीटिंग में शामिल होने आए चन्नी और सिद्धू मीडिया से बिना बात किए ही अंदर चले गए थे। वहीं भारत भूषण आशु ने कहा कि चुनाव हारने में कुछ कमजोरी उम्मीदवारों की भी रहने से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी लीडरशिप कमजोर नहीं थी। लेकिन अब इन मीटिंगों के बाद कांग्रेंस अध्यक्ष कोबदला जाएगा या नहीं यह तो समय ही बताएगा।
विधायक परगट सिंह ने आरोप-प्रत्यारोपों के बीच का रास्ता निकालते हुए कहा कि यह समय कांग्रेसी नेताओं को एक-दूसरे पर हार का जिम्मेदार ठहराने की बजाए इससे सबक लेकर भविष्य की रणनीति तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ओलंपिक से लेकर राजनीति तक बहुत जीत-हार देखी हैं। इस बार कई गलतियां हुई हैं। चन्नी अपने भाई को नहीं बैठा सके और एक टीम के रूप में यह गलती हुई है।
पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिंदर सिंह ढिल्लो ने कहा कि हम समझ नहीं सके, लोग बदलाव चाहते थे और सिस्टम से तंग आ चुके थे।
विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पार्टी की हार के लिए सीधे तौर पर तीन नेताओं की बयानबाजी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि तीनों नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस पार्टी की छवि को धक्का पहुंचाया। इसी मौके पर सुरजीत धीमान ने पंजाब कांग्रेस की हार के लिए गांधी परिवार को आरोपी ठहराया, जिस पर राजा वड़िंग नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास कोई अधिकार होता तो वह तुरंत धीमान को बाहर का रास्ता दिखा देते।
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