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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
The Success Story Of Two Indian Women अक्सर लोग यह कहते सुने जाते हैं कि महिलाएं मैकेनिकल या हैवी काम नहीं कर सकती हैं। लेकिन हौसले बुलंद हों तो ऐसा कोई काम नहीं है जो असंभव है। हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में आज आगे हैं। ऐसा कोई काम नहीं जो आज महिलाएं नहीं कर सकतीं। हर छोट से छोटा और बड़े से बड़ा काम भारत की बेटियां कर रही हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है तेलंगाना की 31 वर्षीय येडालपल्ली आदिलक्ष्मी की और दिल्ली की रहने वाली 50 साल की शांति देवी की। आदिलक्ष्मी पुरुषों के वर्चस्व वाले काम में हाथ आजमाकर आज अपनी पहचान बना चुकी हैं।
तेलंगाना के भद्रादी कोठागुडेम गांव की रहने वाली दो बच्चों की मां आदिलक्ष्मी टायर मरम्मत करने का काम करती हैं। मोटरसाइकिल, कार और ट्रैक्टर व ट्रक के टायर ठीक करती हैं। शुरूआत में लोग आदिलक्ष्मी से टायर मरम्मत करवाने से हिचकते थे, लेकिन अब वह अपने काम के चलते पूरे तेलंगाना में मशहूर मैकेनिक बन चुकी हैं। आदिलक्ष्मी कोठागुडेम कस्बे के पास सुजाता नगर में एक छोटा सा गैरेज चलाती हैं।
आदिलक्ष्मी ने अपने पति भद्रम के आटोमोबाइल की दुकान से टायर मरम्मत का काम शुरू किया। पांच साल में वह इस काम में पूरी तरह से निपुण हो चुकी हैं। आदिलक्ष्मी जब ट्रकों के भारी-भरकम टायरों को बदलती हैं तो लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। आदिलक्ष्मी कहती हैं कि शुरुआत में जब पति के बाहर जाने पर वह दुकान पर बैठती थी तो लोग उन्हें देखते ही वापस चले जाते थे। इससे वह काफी निराश महसूस करती थीं।
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आदिलक्ष्मी ने टायरों में हवा भरने जैसे छोटी चीजों से काम की शुरुआत की। दिलचस्पी बढ़ने के साथ उनके अंदर आत्मविश्वास भी आने लगा और वह पति के साथ पंचर बनवाने में उनकी मदद करने लगीं। आदिलक्ष्मी का कहना है कि शुरुआत में वह चार पंचर ठीक करके थक जाती थीं, लेकिन अब वह दिन में कई सारे पंक्चर ठीक कर सकती हैं।
दिल्ली स्थित ट्रांसपोर्ट नगर डिपो में भी शांति देवी नाम की 50 वर्षीय महिला मैकेनिक का काम करती है। वह ट्रकों में किसी भी तरह की खराबी को ठीक कर लेती हैं। ट्रक के बड़े-बड़े टायर की मरम्मत में वह किसी की मदद भी नहीं लेती हैं। खास बात यह है कि शांति देवी इस उम्र में लगातार 12 घंटे काम करती हैं। साथ ही वह एक चाय की दुकान भी चलाती हैं। शांति देवी को देश की एक मात्र महिला मैकेनिक के रूप में काम करते हुए अब तक कई बड़े नेता इनकी तारीफ कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी इनकी चर्चा होने लगी है।
शांति देवी के आठ बच्चे हैं और वह दिल्ली में 20 साल से रह रही हैं। उनका कहना है कि वह आज जो कुछ हैं अपने पति रामबहादुर की वजह से हैं। वह उनके साथ हर मोड़ और हर काम में साथ रहते हैं। शांति देवी ने कहा, शुरू में लोगों ने उनसे कहा कि यह सब काम नहीं कर पाओगी। कई बार भारी चीजें भी उठानी पड़ सकती हैं, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारी।
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