संबंधित खबरें
सावधान! अगर सुबह उठते ही नजर आते हैं ये 6 संकेत तो हो जाएगा किडनी फेल, दिखने लगेगा मौत का मंजर?
Skin Care Tips: इन 3 तरीकों से रोक सकते हैं बढ़ती उम्र, चेहरे से गायब हो जाएंगी झुर्रियां
पुरुषों के स्पर्म काउंट से लेकर फर्टिलिटी तक, सभी परेशानी होंगी दूर, बस करना होगा इस हरे रंग की चीज का सेवन
हार्ट की बंद पड़ी नसों को खोलने के लिए पानी में उबालकर पीएं ये 2 चीजें, जमी गंदगी को तुरंत पिघलाकर करेगा बाहर
चेहरा खराब कर देते हैं किडनी फेलियर के ये 4 भयंकर लक्षण, समय से पहले करवा लें जांच वरना झेलनी पड़ सकती है बड़ी परेशानी
शौक के लिए नहीं बल्कि शरीर के लिए खाएं चांदी की थाली में खाना, मिलेंगे ये 4 तरह के गजब के फायदें, जिसे सुन आप भी रह जाएंगे हैरान
How To Increase Memory इंसान की याददाश्त बढ़ाने को लेकर कई तरह की कोशिश की जाती रही हैं। दुनियाभर के scientist भी brain के इस रहस्य को समझने और इससे संबंधित अन्य बीमारियों के इलाज की खोज में जुटे हुए हैं। अब साइंटिस्टों ने neural circuit को टारगेट कर एक दवा तैयार की है, जो याददाश्त को एन्कोड कर सकती है और इससे ब्रेन से संबंधित अन्य बीमारियों का बेहतर इलाज का रास्ता भी निकल सकता है। university of bristol के साइंटिस्टों द्वारा की गई ये नई Research Nature Communications Journal में प्रकाशित हुई है। बता दें कि ज्यादातर neurological and psychological disorders में मेमोरी का कमजोर पड़ना मुख्य लक्षण होता है। Alzheimer’s and Schizophrenia जैसी बीमारियों में भी यही होता है। इसी तरह से स्मृति लोप की बीमारियों का इलाज अब तक बहुत ही सीमित है। इसलिए बेहतर और सुरक्षित इलाज की खोज लगातार जारी है, लेकिन इस दिशा में अभी तक सीमित सफलता ही मिल पाई है।
इंटरनेशनल बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी सोसई हेप्टारेस के सहयोग से की गई ताजा स्टडी में खास receptor neuro transmitter acetylcholine की पहचान की गई है, जो मेमोरी सर्किट के जरिये प्रवाहित होकर सूचनाओं के लिए मार्ग निर्धारित करता है। acetylcholine सीखने के दौरान मस्तिष्क में डिस्चार्ज होता है और ये नई यादों या स्मृतियों को हासिल करने में महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट में आगे लिखा है, याद या स्मरण की कमजोरी वाले अल्जाइमर रोग या उसके लक्षण का जो इलाज उपलब्ध है, उसमें ऐसी दवाइयों का प्रयोग किया जाता है, जो एसिटाइलकोलाइन को बढ़ाता है। लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं। इस कारण खास रिसेप्टर टारगेट की खोज का पॉजिटिव असर होगा और इलाज के दुष्प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा।
Read Also : महिलाओं के लिए जानलेवा है Toxic Shock Syndrome ,जानें इसके लक्षण
University of Bristol के सेंटर फार सिनैप्टिक प्लास्टिसिटी के प्रोफेसर और इस रिसर्च के मेन राइटर जैक मेलोर ने बताया कि ये निष्कर्ष ब्रेन में याद या स्मरण के एन्कोडिंग की बुनियादी प्रक्रियाओं से संबंधित है कि ये मस्तिष्क में किस प्रकार से नियंत्रित होते हैं या फिर कोई दवा किस प्रकार से खास रिसेप्टर प्रोटीन को लक्षित कर सकेगी। आने वाले समय में खास तरह के लक्ष्य की यह खोज अल्जाइमर जैसे रोगों के लक्षणों के उभरने पर इलाज की नई राह खोल सकती है। इसके अलावा अन्य संज्ञानात्मक कमजोरी वाले विकारों का भी बेहतर इलाज मिल सकता है। उन्होंने आगे कहा कि इस खोज में एकेडमिक और इंडस्ट्रियल सपोर्ट बहुत अहम है और हमें उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट के लिए एकसाथ काम जारी रहेगा।
सोसई हेप्टारेस के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. माइल्स कांग्रेव ने बताया कि इस महत्वपूर्ण स्टडी ने हमें निदान के ऐसे लक्षित एजेंट खोजने तथा उसके डिजाइन में मदद की है, जो वर्चुअल तौर पर एसिटाइलकोलाइन का असर पैदा करता है और इसमें पहले उपलब्ध इलाज में होने वाले दुष्प्रभाव भी देखने में नहीं मिले हैं। इसलिए, इस तरीके से अल्जाइमर तथा न्यूरोलॉजिकल संबंधित अन्य रोगियों में संज्ञानात्मक प्रक्रिया को स्ट्रॉन्ग करने तथा याददाश्त बढ़ाने की प्रचुर क्षमता है। यह भी जानना बड़ा दिलचस्प है कि ब्रेन किस प्रकार से विभिन्न सूचनाओं को याद रखने की दृष्टि से प्राथमिकता तय करता है और किसे बिना एन्कोड किए खारिज कर देता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.