इंडिया न्यूज, उदयपुर।
Panchkalyanak Festival : श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव हिरण मगरी सेक्टर 4 में दिनांक 6 से 10 अप्रैल 2022 तक आयोजित होगा। प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर रविवार को आचार्य श्री सुनील सागर महाराज का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। श्री दिगंबर जैन दशा हूमड़ समाज संस्था द्वारा सकल जैन समाज के सहयोग से आयोजित होने वाले इस पंचकल्याणक महोत्सव को लेकर मंगलवार को मंदिर परिसर में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया।
प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के अध्यक्ष कमल कुमार जैन ने कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि 6 अप्रैल को महोत्सव का शुभारंभ आचार्य श्री सुनील सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में ध्वजारोहण एवं गर्भ कल्याणक, भव्य घट यात्रा जुलूस के साथ होगा। जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष सम्मिलित होंगे। जुलूस में चार घोड़े, दो गजराज, तीस बग्गियों में इंद्र परिवार एवं सौभाग्यशाली परिवार विराजित होंगे।
शोभायात्रा सेक्टर 4 मंदिर से प्रारंभ होकर पंचकल्याणक कार्यक्रम स्थल स्वयंवर वाटिका में बनी अयोध्या नगरी पांडाल पहुंचेगी, जहां आचार्य श्री के सानिध्य मे सकल दिगम्बर जैन समाज के अधक्ष शान्ति लाल वेलावत द्वारा पांडाल का उद्घाटन होगा। इसके साथ ही ध्वजारोहण, पंडाल शुद्धि, मंडप शुद्धि आदि धार्मिक आयोजन होंगे। इसके साथ ही श्रावक-श्राविकाओं को आचार्य श्री के मंगल प्रवचनों का लाभ भी मिलेगा। इसी दिन माता की गोद भराई, सांयकाल में भव्य मंगल आरती, रात्रि में गर्भ कल्याणक का नाट्य रूप और अयोध्या नगरी की रचना होगी।
महोत्सव के दूसरे दिन जन्म कल्याणक में तीर्थंकर बालक का जन्म होगा। भव्य जनाभिषेक जुलूस में 1008 कलशो के साथ सौधर्म इंद्र द्वारा तीर्थंकर बालक का पांडूशीला पर अभिषेक किया जाएगा। हिरण मगरी सेक्टर 4 के सामुदायिक केंद्र में पांडुशीला की रचना की गई है। Panchkalyanak Festival
स्वागताध्यक्ष जय कुमार जैन ने बताया कि महोत्सव के तीसरे दिन तप कल्याणक पर नित्य पूजन, अभिषेक, शांतिधारा आदि धार्मिक क्रियाओं के साथ मांगलिक शुरूआत होगी। महोत्सव के प्रमुख केंद्र तीर्थंकर बालक की बाल क्रीड़ा, 32000 मुकुटबद्ध राजाओं का आगमन, राज्याभिषेक, नीलांजना नृत्य, वैराग्य दर्शन, दीक्षा कल्याण संस्कार महोत्सव अभिन्न अंग होंगे। Panchkalyanak Festival
निमार्णाध्यक्ष अनिल कुमार जोशी ने बताया कि महोत्सव के चौथे दिन केवल ज्ञान कल्याणक में प्रात:काल पूजन के बाद तीर्थंकर महामुनि राज की आहार चर्या होगी। भव्य समवशरण की रचना होगी। विशेष पाषाण से भगवान बनाने के लिए मुखोद्घाटन, सूरी मंत्र, गुणानुरोपण, केवल ज्ञान पूजा हवन किया जाएगा।
प्रतिष्ठा महोत्सव का आखिरी दिन 10 अप्रैल को भगवान के मोक्ष कल्याणक के रूप में मनाया जाएगा। भगवान का मोक्ष गमन होगा। इसके साथ ही आचार्य श्री का मंगल प्रवचन होने के बाद भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसमें प्रतिष्ठित प्रतिमाओं को मंदिर में विराजमान किया जाएगा एवं शिखर पर कलश व ध्वज मंत्रोच्चार के साथ सुशोभित किए जाएंगे।
प्रतिष्ठा महोत्सव के महासचिव भगवतीलाल गोदावत ने बताया कि भव्य पंचकल्याणक के सफल आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है जिसमे विशेष रूप से मुनि सेवा, कलश आवंटन, भोजन व्यवस्था, सोज भोजन व्यवस्था, आवास व्यवस्था ओर माताजी सेवा समिति सहित अन्य समितियों का गठन किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत रोजाना सुबह आचार्य श्री के मंगल प्रवचन होंगे, वही रोजाना शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।
आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत सभी धार्मिक- मांगलिक आयोजन स्वयंवर वाटिका में स्थापित अयोध्या पांडाल में होंगे। गर्मी की अधिकता को देखते हुए पांडाल को वातानुकूलित बनाया गया है, इसके साथ ही भोजन, आवास, पार्किंग की भी माकूल व्यवस्था की गई है। Panchkalyanak Festival
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