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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Indian Temple Where Demons Were Worshipped: भारत में अनेकों सभ्यताएं एवं अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं। इस कारण पूरे भारत में विभिन्न देवताओं के मंदिर पाए जाते हैं। क्योंकि भारत में अलग-अलग धर्म के लोगों की ओर से अपने विशेष भगवानों की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है भारत में कुछ जगहों पर पौराणिक कथाओं के असुरों की पूजा की जाती है। रामायण एवं महाभारत जैसे धर्मग्रंथों में देवी-देवताओं के साथ-साथ की इन असुरों की पूजा का वर्णन मिलता है। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे अनोखे मंदिर जहां आज भी असुरों यानी राक्षसों की पूजा होती है।
कौरवों की मां, गांधारी के भाई और गांधार नरेश शकुनी प्रपंच, षड्यंत्र रचने में माहिर था। भारत में शकुनी का मंदिर है केरल के मायमकोट्टू मालनचारुवू मालनद में है। मान्यता है कि इस स्थान पर शकुनी ने महादेव को प्रसन्न किया था और मोक्ष प्राप्त किया था। मंदिर में एक ग्रेनाइट का टुकड़ा है, कहा जाता है कि इसी पर बैठकर शकुनी ने तपस्या की थी। यहां के कुछ समुदाय खुद को कौरवों का वंशज भी मानते हैं और शकुनी की पूजा करते हैं।
श्रीकृष्ण की कथा अगर याद हो तो पूतना नामक राक्षसी याद ही होगी। पूतना ने बाल गोपाल को मारने की कोशिश की थी। हुगली, पश्चिम बंगाल स्थित चंदन नगर में एक मंदिर ऐसा है जहां जन्माष्टमी के दिन पूतना की भी पूजा होती है। यहां के राधागोविंद मंदिर में राधा कृष्ण, जगन्नाथ, सुभद्रा, बलराम के साथ ही पूतना की भी मूर्ति है। पूतना की गोद में श्रीकृष्ण हैं।
महाभारत में दुर्योधन का दोस्त दानवीर कर्ण, जिसने अपने शरीर का हिस्सा ही उखाड़ कर दान में दे दिया था। उत्तराखंड के नेटवर में स्थित है कर्ण का मंदिर। क्योंकि कर्ण कौरवों के साथ जा मिले थे इसलिए उन्हें भी खलनायक ही माना जाता है। नेटवर गांव के लोग भी दान-धर्म में विश्वास रखते हैं। यहां दहेज पर भी पाबंदी लगी हुई है। इस गांव में पशुओं की बलि पर भी रोक है। कहा जाता है कि उत्तराखंड स्थित कर्ण प्रयाग में श्री कृष्ण ने कर्ण का अंतिम संस्कार किया था। कुछ मान्यताएं ये भी कहती हैं कि यहां कर्ण ने तपस्या की थी।
Indian Temple Where Demons Were Worshipped
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