इंडिया न्यूज़ नई दिल्ली :
Hindu Muslim Unity रंगभेद विरोधी नेता नेल्सन मंडेला ने एक बार कहा था, “लोगों को नफरत करना सीखना चाहिए और अगर वे नफरत करना सीख सकते हैं, तो उन्हें प्यार करना सिखाया जा सकता है, क्योंकि प्यार मानव हृदय में इसके विपरीत होने की तुलना में अधिक स्वाभाविक रूप से आता है।”
इस बढ़ती सामाजिक नफ़रत के बीच भी गुजरात से एक ऐसी खबर निकल कर सामने आ रही है जहां 1200 साल पुराने एक मंदिर ने अपने परिसर के कपाट मुस्लिमों के लिए खोल दिए और उनका स्वागत किया। आपको बता दें मंदिर ने बीते शुक्रवार को मुस्लिम रोज़ेदारों के लिए इफ़्तार का प्रबंध किया। (Hindu Muslim Unity Story)
इस पर मंदिर के पुजारी पंकज ठाकर ने बताया कि पहली बार मुस्लिमों के लिए मंदिर प्रांगण में रोज़ा खोलने की व्यवस्था की गई।ऐतिहासिक स्थान होने के कारण सालभर सैलानी मंदिर में आते रहते हैं। जब भी गांव में हिन्दू और मुस्लिम त्यौहार एकसाथ पड़ते हैं तो दोनों पक्ष मिल कर त्यौहारों को मनाते हैं।
मंदिर ट्रस्ट और ग्राम पंचायत ने इस साल मुसिल्म रोज़ेदारों को मंदिर परिसर में आमंत्रित कर उनका रोज़ा खुलवाने का निर्णय लिया। पंडित ने बताया की लगभग 100 मुस्लिम भाइयों के लिए 5-6 तरह के फल, खजूर, शरबत की व्यवस्था की गई और मैंने स्वम जाकर स्थानीय मस्जिद के मौलाना साहब का स्वागत किया।
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