China’s humiliation over Taliban’s advocacy in UNSC
इंडिया न्यूज़, वाशिंगटन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन द्वारा Taliban नेताओं को यात्रा में मिली छूट की समयसीमा को बढ़ाने की मांग वाले प्रस्ताव को सभी देशों ने एक सुर में ठुकरा दिया है। इस मुद्दे पर चीन की जबरदस्त फजीहत हुई है। दरअसल चीन ने तालिबानी नेताओं की यात्रा की समयसीमा को 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने का प्रस्ताव भारत की अध्यक्षता वाली कमेटी के सामने रखा था। लेकिन किसी भी देश ने इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। सदस्य देशों का मानना है कि इतनी जल्दबाजी में छूट देना सही नहीं है। हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए और तालिबान पर फिलहाल नजर रखने की जरूरत है।
बता दें कि यात्रा में छूट की समयावधि बढ़ाने की मांग चीन ने ऐसे समय में की है जब तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने लिए जगह मांगी है। तालिबान ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव को चिट्ठी भी लिखी है और अपने प्रवक्ता सुहैल शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अपना स्थायी राजदूत भी नियुक्त किया है।
तालिबान ने पत्र लिखकर उठाई थी ये मांग (UNSC)
तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिख सोमवार को समाप्त होने वाली महासभा की वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान बोलने देने के लिए कहा। गुटेरेस के प्रवक्ता फरहान हक ने मुत्ताकी के पत्र की पुष्टि की है। प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि अफगानिस्तान की संयुक्त राष्ट्र में जगह के लिए नौ सदस्यीय क्रेडेंशियल कमेटी से अनुरोध किया गया है। इन सदस्यों में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस शामिल हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि तालिबान की इस हफ्ते समिति के साथ बैठक होने की संभावना नहीं है। इसलिए तालिबान के प्रतिनिधि का संबोधन मुश्किल लग रहा है।
चीन-पाकिस्तान बना रहे नया समूह
रूस के साथ पाकिस्तान और चीन तालिबान को मान्यता दिलाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, वे अफगानिस्तान से सटे देशों का नया समूह बनाने की दिशा में भी बढ़ रहे हैं। इस समूह में चीन, पाक, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.