होम / नाम और चेहरे बदले, आतंकी हिंसा के हमले बढ़ते ही रहे

नाम और चेहरे बदले, आतंकी हिंसा के हमले बढ़ते ही रहे

Sameer Saini • LAST UPDATED : April 23, 2022, 12:59 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

नाम और चेहरे बदले, आतंकी हिंसा के हमले बढ़ते ही रहे

PFI Has Strong Anti-national Agenda Wants to Establish Islamic Rule in India

आलोक मेहता, नई दिल्ली :

आतंकी हिंसा के रुप दानवी चेहरों की तरह बदलते रहते हैं। गंभीर अपराधों और आतंकवादी गतिविधियों पर कठोर दंड के कानून की रक्षा करने वाली अदालतें आतंकवादी या उसको गुपचुप मदद करने वालों के प्रकरण आने पर पर्याप्त सबूत मांगती हैं । देशी या विदेशी आतंकवादी संगठनों अथवा विदेशी ताकतों से षड्यंत्रपूर्वक गोपनीय ढंग से सहायता मिलने के सबूत जुटाना पुलिस अथवा गुप्तचर एजेंसियों के लिए आसान नहीं होता है ।

केंद्र सरकार प्रतिबन्ध पर कर रही है विचार

कुछ महीने पहले केरल के कथित पत्रकार सिद्धकी कप्पन पर आतंकवादी हिंसक गतिविधियों में सहायता के आरोपों का प्रकरण सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकान्त ने भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि क्या पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इण्डिया ( पी ऍफ़ आई ) पर प्रतिबन्ध है? श्री मेहता ने उत्तर दिया कि कुछ राज्यों में इस संगठन पर प्रतिबन्ध है, क्योंकि यह हिंसा, हत्याओं, अपहरण और विदेशी आतंकवादी संगठनों से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार प्रतिबन्ध पर विचार कर रही है। ‘

22 राज्यों में फैला पी ऍफ़ आई का जाल

कप्पन की तरह अनेक मामले सामने आते रहे हैं। यह तथ्य है कि पी ऍफ़ आई का जाल अब तक 22 राज्यों में फैला हुआ है। केरल सरकार ने इस पर प्रतिबन्ध भी लगाया था। कर्णाटक सरकार ने हाल ही में अदालत में कहा था कि वह प्रतिबन्ध लगाने पर विचार कर रही है। यों इससे जुड़े सहयोगी संगठन नेशनल विमेंस फ्रंट और कैंपस फ्रंट ऑफ़ इण्डिया भी देश भर में सक्रिय है। वास्तव में पी ऍफ़ आई पहले प्रतिबंधित सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया) का नया अवतार है।

इस पर हत्या, हथियारों के प्रशिक्षण, अपहरण, भारत विरोधी उग्र आन्दोलनों की फंडिंग, तालिबान और अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों से सम्बन्ध के गंभीर आरोप रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने अनेक प्रमाण भी सरकार को उपलब्ध करा रखे हैं। इसलिए पिछले दिनों जहांगीरपुरी सांप्रदायिक हिंसा की घटना सामने आने पर संदिग्ध आरोपियों के पी ऍफ़ आई से जुड़े होने के कुछ सबूत भी सामने आने पर चिंता होना स्वाभाविक है। इस संगठन की गतिविधियां अब दक्षिण भारतीय राज्यों से उत्तर में बढ़ रही हैं।

2001 में जाकर प्रतिबन्ध का सिलसिला हुआ शुरु

सिमी का गठन तो बहुत पहले जमायते इस्लाम ए हिन्द द्वारा 1977 में किया गया था । लोकतान्त्रिक व्यवस्था और कुछ राजनितिक पार्टियों और नेताओं के सहयोग का लाभ उठाकर इसका जाल फैलता गया तथा हिंसक हमले होते रहे । तब 2001 में जाकर इस पर प्रतिबन्ध का सिलसिला शुरु हुआ । हर बार पांच वर्ष का प्रतिबन्ध बढ़ता रहा। इसलिए उसने पी ऍफ़ आई को खड़ा कर दिया । माओवादी नक्सल या पाकिस्तान से मदद लेने वाले कुछ कश्मीरी संगठन इसी तरह नए नए नाम के संगठन खड़े करते रहे हैं ।

कानून और लोकतंत्र के अधिकार का ऐसा दुरूपयोग शायद दुनिया के किसी देश में देखने को नहीं मिलेगा । ब्रिटेन , अमेरिका , कनाडा जैसे देशों में कुछ भारत विरोधी आतंकववादी संगठन सक्रिय हैं , लेकिन वे उन देशों में हिंसा फ़ैलाने का खतरा उठाने के बजाय भारत में फंडिंग या अन्य रास्तों से हथियार – ड्रग्स और भेस बदलकर लोग भजते रहते हैं। वे मानव अधिकार का झंडा उठाकर भारत को बदनाम करते हैं या धर्म के नाम पर इस्लामिक देशों से सहायता जुटाते रहते हैं ।

इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय उप महाद्वीप को माओवादी और इस्लामी कट्टरपंथियों आतंकियों ने एक भौगोलिक निशाने पर रखा है । इन तत्वों की न तो जन्म भूमि में विश्वास है और न ही किसी राष्ट्रीय सीमा। यही कारण है कि कम्युनिस्ट चीन पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तालिबान सहित संगठनों की आतंकी गतिविधियों पर अंकुश के बजाय अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें सहयता देता है।

भारत में मार्क्सवादी कम्युनिस्टों के बाद घोषित रूप से माओवादी संगठनों ने आदिवासी इलाकों में हिंसक गतिविधियों से तबाही की स्थितियां बनाई ।नागरिक – मानवीय अधिकारों के नाम पर नेताओं, वकीलों, डॉक्टरों, पत्रकारों, एन जी ओ, सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक वर्ग से ऐसे अतिवादियों को कभी खुलकर और कभी छिपकर सहायता भी मिलती रही है ।

पीएम ने की इन गतिविधियों तथा संगठनों पर कड़ी कार्रवाई

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद इन गतिविधियों तथा संगठनों पर कड़ी कार्रवाई का अभियान से चलाया है । जांच एजेंसियां और पुलिस विभिन्न राज्यों में जब कोई कार्रवाई करती है , तो अदालतों में गवाह सबूत का लम्बा सिलसिला चलता है। इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाता कि सुदूर जंगलों या छद्म कंपनियों – संगठनों के बल पर जुटाए जाने वाले धन और हथियारों के चश्मदीद गवाह या डिजिटल युग में कागज के प्रमाण कैसे उपलब्ध हो सकते हैं ?

हां, दिल्ली, मुंबई अथवा अन्य क्षेत्रों में हिंसक घटना में गिरफ्तार आरोपियों पर समयबद्ध सीमा के साथ मुक़दमे चलाकर सजा देने के लिए आवश्यक नियम कानून संशोधित हों या नए बनाए जाएं । खासकर जब ऐसे राजनीतिक दलों के नेता जो राज्यों में सत्ता में भी आ जाती हैं , अधिक समस्याएं उत्पन्न करते हैं । वे विधायिका के विशषाधिकार का उपयोग कर अप्रत्यक्ष रूप से हिंसक आतंकवादी गतिविधियों के आरोपियों को संरक्षण देकर बचाव करते हैं ।

पश्चिम बंगाल की स्थिति इस प्रकार

सबसे दिलचस्प स्थिति पश्चिम बंगाल की है। दस पंद्रह वर्ष पहले सुश्री ममता बनर्जी सार्वजनिक रुप से कम्युनिस्ट सरकार पर ‘जंगल राज का आरोप लगाती थीं । अब उनके सत्ता काल में सैकड़ों हत्याओं और राजनीतिक हमलों के लिए न केवल भारतीय जनता पार्टी बल्कि कम्युनिस्ट पार्टियां भी अपराधियों को प्रश्रय देने के गंभीर आरोप लगा रही हैं ।

केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट लगातार सत्ता में हैं और वहां कट्टरपंथी संगठनों को विदेशी सहायता के प्रकरण सामने आ रहे हैं और भाजपा या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं की हत्याओं पर पुलिस की कार्रवाई नहीं हो रही है । जम्मू कश्मीर तो अब भी संवेदनशील इलाका है । लेकिन दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब जैसे राज्यों में हिंसा और आतंक से जुड़े संगठनों और लोगों पर समय रहते अंकुश की जरुरत होगी।

यह भी पढ़ें : रूस में अपना कारोबार बंद करेगी Tata Steel

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

बागेश्वर बाबा की पदयात्रा के दौरान बड़ा हादसा, छत का छज्जा गिरने से एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल
बागेश्वर बाबा की पदयात्रा के दौरान बड़ा हादसा, छत का छज्जा गिरने से एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल
मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिला उठे सपाई, कह दी ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाएंगे आप
मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिला उठे सपाई, कह दी ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाएंगे आप
‘जनता को पसंद आया …’, पंजाब उपचुनाव के नतीजों को केजरीवाल ने बताया दिल्ली चुनाव का सेमीफाइनल; किया ये बड़ा दावा
‘जनता को पसंद आया …’, पंजाब उपचुनाव के नतीजों को केजरीवाल ने बताया दिल्ली चुनाव का सेमीफाइनल; किया ये बड़ा दावा
महाराष्ट्र्र चुनाव में मौलानाओं के फतवे का बीजेपी पर नहीं पड़ा कुछ असर, अब PM Modi देंगे ऐसी सजा 7 पुश्तें भी रखेंगी याद
महाराष्ट्र्र चुनाव में मौलानाओं के फतवे का बीजेपी पर नहीं पड़ा कुछ असर, अब PM Modi देंगे ऐसी सजा 7 पुश्तें भी रखेंगी याद
Himachal Politics: CM सुक्खू ने प्रियंका गांधी को दी ऐतिहासिक जीत की बधाई, इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर बरसे
Himachal Politics: CM सुक्खू ने प्रियंका गांधी को दी ऐतिहासिक जीत की बधाई, इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर बरसे
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
UP News: सीएनजी सिलिंडर लदे ट्रक में लगी आग, धमाकों से दहला शाहजहांपुर हाईवे
UP News: सीएनजी सिलिंडर लदे ट्रक में लगी आग, धमाकों से दहला शाहजहांपुर हाईवे
‘पीएम के करिश्माई नेतृत्व…’, उपचुनाव में जीत पर सीएम नीतीश ने PM मोदी को दी बधाई, कही ये बड़ी बात
‘पीएम के करिश्माई नेतृत्व…’, उपचुनाव में जीत पर सीएम नीतीश ने PM मोदी को दी बधाई, कही ये बड़ी बात
दुल्हन आने से पहले दूल्हे भाई की हुई मौत, दर्दनाक हादसे में 2 की गई जान
दुल्हन आने से पहले दूल्हे भाई की हुई मौत, दर्दनाक हादसे में 2 की गई जान
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘हमने लोकतंत्र की परीक्षा…’, झारखंड चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये क्या बोल गए हेमंत सोरेन? PM Modi को नहीं आएगा रास
‘हमने लोकतंत्र की परीक्षा…’, झारखंड चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये क्या बोल गए हेमंत सोरेन? PM Modi को नहीं आएगा रास
ADVERTISEMENT