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रोहित रोहिला, चंडीगढ़। सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलने की बातें इन दिनों देश के कई हिस्सों में सुर्खियों में है। ऐसे में अब पंजाब सरकार भी सरकारी जमीनों पर किए गए कब्जों को लेकर सख्त रूख अपनाने की तैयारी कर चुकी है।
इसके लिए सरकार को चाहे बुलडोजर चलाना पड़े या कानूनी कार्रवाई करनी पडे लेकिन सरकारी जमीनों से कब्जें हटाए जाएंगे। इसको लेकर अब खुद सूबे के सीएम भगवंत मान ने ऐसे लोगों को लेकर चेतावनी दे दी है।
अगर इन लोगों ने सरकारी जमीनों पर कब्जें नहीं छोड़े तो इनके खिलाफ सरकार द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लेकिन अब देखना यह होगा कि सरकार की इस चेतावनी का करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों पर कितना असर दिखाई देता है।
हालांकि पंचायत विभाग की ओर से हाल ही में कई इलाकों से पंचायती जमीनों से कब्जे हटाने की कार्रवाई की गई थी। लेकिन अब सरकार के मूड को देखकर लग रहा है कि सरकार करोड़ों रुपये की जमीनों को अब कब्जा मुक्त करना चाहती है।
मान सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर कब्जा खाली नहीं करेंगे तो खर्चे के साथ पर्चें भी मिलेंगे यानि मामला भी दर्ज होगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सरकारी या पंचायती जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले सभी लोगों को 31 मई तक सरकारी या पंचायती जमीनों से कब्जा छोड़कर जमीन सरकार को सौंपने के लिए सख्त चेतावनी दी है।
मान ने साफ किया है कि ऐसे लोगों के साथ सरकार की ओर से कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। सरकार के संज्ञान में आया है कि सूबे में करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठे है। ऐसे में अब सरकार ने इन लोगों को कब्जा खाली करने की चेतावनी दे दी है।
ट्वीट में भगवंत मान ने राजनीतिज्ञों, अफसरों या अन्य रसूखदारों समेत किसी भी व्यक्ति से ऐसी जमीनों से अवैध कब्जा छुड़ाने के लिए अपनी सरकार के वायदें को दोहराया है।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर यह जमीनें कब्जा करने वालों ने अपनी मर्जी से नहीं खाली की या छोड़ी तो सरकार ऐसे कसूरवार लोगों के खिलाफ नए सिरे से एफआईआर दर्ज करने के साथ अवैध कब्जे वाली जमीनों की पिछली देनदारियों का भुगतान करवाने के लिए मजबूर होगी।
पंचायत विभाग की ओर से हाल ही में कुछ जगह से 29 एकड़ पंचायती जमीन को कब्जे से मुक्त कराया गया था। जिसके बाद विपक्षी ने सिर्फ 29 एकड़ जमीन कब्जे से खाली करवाने को लेकर काफी तंज भी कसे थे।
लेकिन अब सरकार की ओर से खुद सीएम ने ऐसे लोगों को चेतावनी दे दी है। जिसके बाद यह माना जा रहा है कि सरकार के रूख को देखते हुए पंचायती एवं सरकारी जमीनों को खुद ब खुद खाली करने की कार्रवाई में तेजी आएगी।
पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान जंगलात विभाग द्वारा भी कुछ ऐसी ही मुहिम चलाई गई थी। जिसमें जंगलात विभाग की जमीनों पर लोगों द्वारा किए गए कब्जों को खाली करवाने की कार्रवाई शुरू की गई थी।
तब भी विभाग की ओर से ऐसी ही तेजी दिखाई गई थी। लेकिन ऐसी सख्त चेतावनी नहीं सुनाई दी थी। हालांकि उस समय भी जंगलात विभाग की ओर से कई एकड़ जमीन को कब्जों से खाली कराया गया था। इसके अलावा पंचायत विभाग की भी जमीनों को खाली कराया गया था।
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