इंडिया न्यूज, Varanasi News। ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid Controversy) मामले में मंगलवार को अजय कुमार मिश्रा (Ajay Kumar Mishra) को अधिवक्ता कमिश्नर के पद से हटा दिया गया है। उनपर कमीशन के काम में रुचि नहीं लेने और मीडिया में सूचनाएं लीक करने का आरोप लगा था।
अब सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप (Assistant Advocate Commissioner Ajay Pratap) और विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह (Special Advocate Commissioner Vishal Singh) सर्वे रिपोर्ट (survey report) दाखिल करेंगे। इसके लिए दो दिन का समय दिया गया है। तालाब से मछली हटाने और दीवार गिराने वाली अर्जी पर बुधवार को फैसला होगा।
कोर्ट ने कहा, जब कोई अधिवक्ता आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जाता है और कमीशन का काम करता है तो उसकी स्थिति एक लोक सेवक की होती है और उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह कमीशन कार्रवाई का संपादन पूरी निष्पक्षता और ईमानदारी से करेगा। कोई भी गैर जिम्मेदाराना बयान आदि सार्वजनिक नहीं करेगा।
कोर्ट ने कहा कि अजय कुमार मिश्रा की ओर से रखे गए प्राइवेट कैमरामैन ने बराबर मीडिया बाइट दी, जोकि न्यायिक मयार्दा के खिलाफ है, इसलिए एडवोकेट कमिश्रर अजय कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है। कोर्ट ने कहा कि अब विशाल सिंह 12 मई के बाद की कमीशन की कार्रवाई की रिपोर्ट स्वंय दाखिल करेंगे।
अजय प्रताप सिंह विशाल सिंह के निर्देशन में काम करेंगे। विशाल सिंह ने कहा है कि कमीशन रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम 2 दिन का समय लगेगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रार्थनापत्र को स्वीकार किया जाता है और उन्हें 2 दिन का समय दिया जाता है।
इससे पहले कोर्ट की ओर से नियुक्त स्पेशल कमीशन ने मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट को पेश करने के लिए दो दिन की मोहलत मांगी थी। अजय प्रताप सिंह ने कहा, रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन के समय की मांग की गई है।
हिंदू पक्ष ने शिवलिंग के चारों ओर की दीवार को हटाने और उन जगहों के सर्वे की मांग (survey demand) भी की गई जहां टीम अभी तक नहीं पहुंच पाई है।
वहीं ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर छिड़े विवाद ( Gyanvapi Masjid Controversy) पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme court) अहम फैसला दिया है। अदालत ने कहा कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, उसे सील कर दिया जाए और पूरी सुरक्षा दी जाए। शीर्ष अदालत ने जिला प्रशासन को आदेश देते हुए कहा कि शिवलिंग वाले स्थान को पूरी सुरक्षा दी जाए, लेकिन इसके चलते नमाज में बाधा नहीं आनी चाहिए।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगली सुनवाई तक के लिए हम वाराणसी के डीएम (DM of Varanasi) को आदेश देते हैं कि शिवलिंग मिलने वाले स्थान की सुरक्षा की जाए, लेकिन मुस्लिमों को नमाज पढ़ने में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए।
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