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इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ न्यूज। केंद्र सरकार (central government) निरंतर सड़कों का जाल बिछा रही है ताकि इससे व्यापार को बढ़ावा मिले और आमजन को भी बेहतरीन ट्रांसपोर्ट सुविधाएं (transport facilities) मिलें। इसी कड़ी में हरियाणा (Haryana) में भी पिछले कुछ समय में नए हाईवे (new highways in haryana) बने हैं और सड़कों के चौड़ीकरण का काम तेजी से हुआ है। जिसका फायदा प्रदेश की व्यापारिक गतिविधियों के इजाफे में भी सामने आया है।
सड़कों के निर्माण से दूसरे राज्यों के साथ व्यापार को भी गति मिली है और प्रदेश सरकार के खजाने में भी वृद्धि हुई है। अब यह बता दे कि ग्रीन फील्ड कारिडोर के कंस्ट्रक्शन को अप्रूवल (Construction of green field corridor got approval) मिल चुकी है और इसका एक हिस्सा हरियाणा में भी पड़ता है जो यमुनानगर हरियाणा (Yamunanagar Haryana) में शुरू होकर वहां से लेकर प्रदेश के अंबाला जिले (District Ambala) को कवर करते हुए पंजाब बार्डर (Punjab Border) तक जाएगा।
ग्रीन कारिडोर (green corridor) का जो हिस्सा हरियाणा में पड़ता है उसकी लंबाई करीब 80 किलोमीटर है और इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर एक खासी रकम खर्च होनी है। यूं तो यह प्रोजेक्ट 35 हजार करोड़ से ऊपर खर्च होना है और इस लिहाज से समझा जा सकता है कि आने वाले समय में ग्रीन फील्ड कारिडोर का आर्थिक रूप से क्या महत्व होगा। इसमें कई राज्यों को कवर किया जाएगा और मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी राज्यों के बीच व्यापारिक व अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिले।
नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (National Highway Authority of India) के अनुसार हरियाणा में ग्रीन फील्ड कारिडोर की 80 किलोमीटर की लंबाई बढ़ेगी जोकि हरियाणा यूपी बार्डर (Haryana UP Border) पर यमुना नदी (Yamuna River) से लेकर अंबाला होते हुए पंजाब बार्डर तक है।
पंजाब में एंट्री के बाद यह बनूर (Banur) और कुराली (Kurali) होते हुए लुधियाना (Ludhiana) तक जाएगा। ग्रीन फील्ड कारिडोर से अंबाला और इसके आसपास लगते इलाकों में विकास कार्य तेजी तो पकड़ेगा ही साथ में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा में जो हाईवे का हिस्सा होगा उस पर कुल करीब 2400 करोड़ (2400 crore) खर्च होने हैं इस भारी भरकम राशि को दो चरणों में खर्च किया जाएगा पहले चरण में 12 सौ करोड़ और दूसरे में भी इतनी ही राशि खर्च होनी हैं। यह सारा पैसा केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाना है।
मिली जानकारी अनुसार यह भी सामने आया कि यह हाईवे सिक्स लेन (six lane highway) होंगा। इस पर 35,500 करोड़ की भारी भरकम राशि खर्च होगी और मुख्य रूप से इसको आर्थिक गतिविधियों और व्यापार के लिहाज से विकसित किया जा रहा है। इससे हरियाणा पंजाब और यूपी (Haryana Punjab and UP) में आपसी व्यापार बढ़ेगा और ट्रैफिक की समस्या भी से भी काफी हद तक निजात मिलेगी।
इस रूट को करीब 3 महीने पहले केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है और इसके निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसका काम तुरंत प्रभाव से शुरू कर दिया जाएगा।
यह भी बता दें कि हरियाणा में आने वाले इस कारिडोर के लिए बड़े पैमाने पर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। अनुमानित तौर पर 80 किलोमीटर की लंबाई के लिए करीब 480 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जानी है।
क्योंकि एक हेक्टेयर में ढाई एकड़ है तो इस लिहाज से 1120 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जाएगी जो इसके निर्माण के लिए जरूरी है। बता दे कि सिक्स लेन कारिडोर की चौड़ाई 60 मीटर होगी।
उत्तरी राज्यों में जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) से लेकर दिल्ली तक की बात करें तो नेशनल हाईवे (National Highway) है और व्यापार व अन्य गतिविधियों में कोई ज्यादा समस्या पेश नहीं आती। एक तरह से कहें तो उत्तर से दक्षिण की तरफ और दक्षिण से उत्तर की तरफ हाईवे बने हुए और जिसके चलते व्यापार निर्बाध गति से होता है।
वहीं दूसरी तरफ इसके विपरीत पूर्व से पश्चिम (East to west) या पश्चिम से पूर्व (west to East) राज्यों में इस जोन में इस स्तर का हाईवे नहीं है और इसको देखते हुए इसके निर्माण को मंजूरी दी गई है पंजाब के लुधियाना से हरियाणा के अंबाला यूपी के बरेली शामली (UP Bareilly Shamli) आदि जिलों से होते हुए भी आगे तक जाएगा जिसके चलते व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
हरियाणा में हाईवे का करीब 80 किलोमीटर पड़ेगा तो इस तरह से स्पष्ट है कि व्यापार के अवसर बढ़ेंगे। इसके चलते अंबाला और साथ लगते जिलों में रोजगार के नए अवसर तो पैदा होंगे ही, साथ ही विकास कार्यों में तेजी आएगी।
हाईवे के निर्माण से यहां होटलों, टूरिज्म और अन्य तरह की कमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा आसपास के गांव इलाकों में लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा किसानों व अन्य पेशे से जुड़े लोगों को अन्य राज्यों में आने जाने और अपना सामान पहुंचाने व लाने ले जाने में खासी मदद मिलेगी।
ग्रीन फिल्ड कारिडोर को मंजूरी मिल चुकी है और हरियाणा में यह अंबाला जिले से गुजरेगा। इसके तहत हरियाणा में करीब 80 किलोमीटर हाईवे का निर्माण किया जाना है जिस पर करीब 2400 करोड़ की लागत आएगी। इसको लेकर काम शुरू हो चुका है और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। कारिडोर के निर्माण से हरियाणा व अन्य राज्यों में विकास के नए मार्ग खुलेंगे और लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा।
आरपी सिंह अधिकारी, एनएचएआई।
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