इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे कराने के वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी कर कहा है कि “परिसर में जिस जगह शिवलिंग मिला है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए। लोगों को नमाज अदा करने से रोका न जाए।” यह सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा की बेंच में हुई जिसके बाद दोनों जजों ने यह निर्देश जारी किए हैं।
कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वकील हुफैजा अहमदी से शीर्ष अदालत ने कहा कि “यह याचिका पूजा-अर्चना के लिए है, न कि मालिकाना हक के लिए।” इस पर हुफैजा अहमदी ने कहा कि “ऐसे में वहां के हालात ही बदल जाएंगे।”
जस्टिस चंद्रचूड़ ने निर्देश देते हुए कहा कि “अगर शिवलिंग मिला है तो हमें संतुलन बनाना होगा। हम डीएम को निर्देश देंगे कि वह उस स्थान की सुरक्षा करें, पर मुस्लिमों को नमाज से न रोका जाए।”
1. शिवलिंग के दावे वाली जगह को सुरक्षित किया जाए।
2. मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से न रोका जाए।
3. सिर्फ 20 लोगों के नमाज पढ़ने वाला ऑर्डर अब लागू नहीं।
वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद 3 दिन में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। तीसरे दिन सोमवार को सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के अंदर शिवलिंग मिला। हिंदू पक्ष की अपील पर वाराणसी कोर्ट ने डीएम को आदेश दिया था कि “जिस जगह शिवलिंग मिला है, उसे तत्काल सील कर दें। वहां पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाए।” साथ ही कोर्ट ने डीएम, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेंट को जगहों को संरक्षित और सुरक्षित रखने की व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदारी दी है। प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर और 9 ताले लगाकर साक्ष्य को सील कर दिया है।
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