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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
चीन पर पश्चिमी देशों की चेतावनी बेअसर साबित हो रही है। तभी तो चीन एक बार फिर से दक्षिण चीन सागर में नौसैनिक अभ्यास करने जा रहा है। चीन यह अभ्यास आज दक्षिण चीन के हैनान प्रांत के तट से 25 किलोमीटर (15.5 मील) से भी कम दूरी पर समुद्र में होगा।
अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर से प्रशांत द्वीप समूह तक फैले क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक उपस्थिति को लेकर चेतावनी जारी की थी लेकिन इसके बावजूद बीजिंग की ओर से इस क्षेत्र में नौसैनिक अभ्यास का ऐलान किया गया है।
बता दें कि चीन नियमित रूप से अपने तटों के पास पानी में सैन्य अभ्यास और परीक्षण करता रहता है। इस बार हैनान के पास समुद्र के एक अन्य क्षेत्र में भी अभ्यास निर्धारित है। इसके अलावा देश के पूर्वी तट पर भी कई अभ्यास किए जाने हैं।
चीन के समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है कि लगभग 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को 5 घंटे के लिए समुद्री यातायात के लिए बंद कर दिया जाएगा। बीजिंग को अपनी नौसैनिक महत्वाकांक्षाओं पर अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों से चेतावनियां भी मिल रही हैं। लेकिन इन चेतावनियों का चीन कोई असर नहीं पड़ा है।
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बीजिंग पर ताइवान को लेकर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। चीन ताइवान पर अपने क्षेत्र के हिस्से का दावा करता है। इतना ही नहीं, थोड़े थोड़े समय के बाद चीन के फाइटर जेट्स वायु सीमा का उल्लंघन करते हुए ताइवन की सीमा में भी घुस आते हैं। इसी के मद्देनजर ब्लिंकन ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का जिक्र करते कहा कि बीजिंग लगभग रोजाना के आधार पर तेजी से उत्तेजक बयानबाजी और ताइवान के पास पीएलए विमान उड़ाने जैसी गतिविधियों में लगा हुआ है।
ब्लिंकन के बयान के बाद बीजिंग और वाशिंगटन के बीच शुरू हुए मौखिक विवाद के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस क्षेत्र की यात्रा के दौरान ताइवान की रक्षा का वादा किया। उधर, चीन ने बदले में ताइवान पर अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की कसम खाई है और वाशिंगटन को ही चेतावनी दे डाली कि इस मुद्दे पर बीजिंग के संकल्प और क्षमताओं को कम आंकने की गलती न करे।
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