डॉ. रविंद्र मलिक, चंडीगढ़ : Haryana Rajya Sabha Elections राज्यसभा चुनाव में महज एक दिन का समय बचा है। राज्यसभा की एक सीट भाजपा के पक्ष में जानी तय है। लेकिन दूसरी सीट के लिए निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा और कांग्रेस के अजय माकन के बीच मुकाबला है। इस एक सीट के लिए मुकाबले में कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इस दौरान इसी कड़ी नया घटनाक्रम जुड़ गया, भाजपा की तरफ से खुद के, जजपा व उसको समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों के लिए एक दिन का प्रशिक्षण शिविर रखा गया है जिसमें 9 जून को उनको चुनाव में वोट डालने व अन्य पहलुओं को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी।
प्राप्त जानकारी अनुसार भाजपा-जजपा और निर्दलीय विधायकों के प्रशिक्षण शिविर के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ इस दौरान वहां मौजूद रहेंगे। ये भी संभावना जताई जा रही है कि विधायकों को ट्रेनिंग के दौरान रिटायर्ड प्रोफेशनल अधिकारियों की सहायता भी ली जा सकती है।
निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को चुनाव में हरियाणवी होने का फायदा मिलना तय है। उनके पिता विनोद शर्मा कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके हैं। कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग का खतरा निरंतर बना हुआ है। भाजपा व जजपा के अलावा खुद सीएम मनोहर लाल भी कार्तिकेय शर्मा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं जिसके चलते कांग्रेस की चिंता बढ़ी हुई है।
कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग का खतरा निरंतर बना हुआ है। कुलदीप बिश्नोई निरंतर पार्टी से नाराज चल रहे हैं और उनको लेकर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ किरण चौधरी को लेकर भी कई तरह के कयास सामने आ रहे हैं। पार्टी की तरफ से कहा गया कि वो स्वास्थ्य कारणों के चलते रायपुर में नहीं आ सकी। उनकी तबीयत ठीक नहीं बताई गई। ऐसे में अब ये कहा जा रहा है कि वोटिंग वाले दिन भी ऐसी स्थिति बनी रही तो क्या होगा।
वहीं बिश्नोई ने 8 जून को एक बार फिर ट्वीट किया जिसको उनकी पार्टी से नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। उन्होंने लिखा कि कलियुग के महाभारत को जीतने के लिए खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है। माना जा रहा है कि कई अन्य पार्टी विधायकों में भी असंतोष है और निर्दलीय उम्मीदवार के साथ जा सकते हैं।
कांग्रेस ने जहां प्रशिक्षण शिविर के नाम पर कई दिन से विधायकों को रायपुर में रखा है तो वहीं भाजपा ने विधायकों के लिए भी एक दिन का ट्रेनिंग शिविर रखा है। कांग्रेस व भाजपा दोनों पक्षों की कोशिश ये है कि किसी भी हालत में किसी विधायक द्वारा क्रॉस वोटिंग या वोट बेकार नहीं जाए।
दोनों ही पक्षों में नए विधायक हैं जिनको राज्यसभा में वोटिंग का अनुभव नहीं है। ऐसे में उनको बताया जाएगा कि वोटिंग कैसे करनी है। राजनीतिक भाषा में कहें तो फोकस इस बात पर रहेगा कि विधायकों को वोटिंग से पहले दूसरी तरफ मन विचलन से रोकने के बारे में ट्रेनिंग दी जानी है।
भाजपा के कई विधायकों ने बातचीत में एक कॉमन बात बताई कि ट्रेनिंग शिविर में मुख्य रूप से फोकस इस बात पर रहेगा कि विधायकों को ये बताया जाए कि वोटिंग के दौरान पहली प्राथमिकता क्या हो और किस तरह से वोट करना है। ये बता दें कि कुल 90 विधायक हैं। इनमें से भाजपा के पास 40 और सहयोगी जजपा के 10 विधायक हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं। वहीं 7 निर्दलीय हैं। हलोपा और इनेलो से 2 विधायक हैं।
हमें क्रॉस वोटिंग का डर नहीं है। सत्ता पक्ष के विधायकों की भी ट्रेनिंग होगी। हमारे पास सरप्लस वोट हैं। कई विधायक पहली बार चुनकर आए हैं और उनको ये नहीं पता है कि वोटिंग कैसे की जाती है। इसी को लेकर ट्रेनिंग जरूरी है। इसके अलावा ये तय किया जाएगा कि कौन विधायक हमारे उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार को वोट करेगा और जो सरप्लस वोट होंगे, उनमें से कौन कौन समर्थित उम्मीदवार को वोट करेंगे।
जेपी दलाल, भाजपा विधायक व कैबिनेट मिनिस्टर
ये केवल एक दिन का प्रशिक्षण शिविर है। इसमें विधायकों को वोटिंग करने के तरीके के बारे में जानकारी दी जाएगी। हम कांग्रेस की तरह कई दिनों तक विधायकों को रिसोर्ट में नहीं रखते। वो अपने विधायकों की बाड़ेबंदी में जुटे हैं लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है। कांग्रेस निकाय चुनाव से भी भाग रही है।
ओपी धनखड़, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा
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