इंडिया न्यूज, न्यूयार्क:
अमेरिकी राज्य मिसौरी में बीमा क्लेम से संबंधित पहला और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में बीमा कंपनी को एक महिला को 5.2 मिलियन डॉलर यानि कि लगभग 40 करोड़ रुपए देने होंगे। दरअसल, महिला ने 2014 में अपने एक परिचित के साथ कार में यौन संबंध बनाए थे, जिसके बाद वह यौन संक्रमित बीमारी से ग्रसित हो गई। इसके बाद महिला ने उस इंश्योरेंस कंपनी में क्लेम किया जिसके द्वारा कार का बीमा किया गया था।
महिला ने बताया कि उसने अपने एक पूर्व प्रेमी के साथ कार की पिछली सीट पर शारीरिक संबंध बनाए थे। यह एक हुंडई जेनेसिस कार थी। महिला ने आरोप लगाया उसके एक्स ब्वायफ्रेंड को पता था कि उसे कैंसर और एचपीवी से पीड़ित था। इसके बावजूद उसने असुरक्षित शारीरिक रिश्ते बनाए। उक्त आरोपी ने कार बीमा करा रखा था, इसलिए वह हजार्ने के लिए जिम्मेदार है।
इस मामले में बीते मंगलवार को 5 साल कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद, मिसौरी कोर्ट आफ अपील्स ने पुष्टि की कि जीईआईसीओ जनरल इंश्योरेंस कंपनी को इस अभूतपूर्व मामले में जैक्सन काउंटी की महिला को भारी भुगतान करना होगा। जानकारी के मुताबिक तीन जजों के पैनल ने पाया कि बीमा कंपनी के खिलाफ पहले की मध्यस्थता कार्यवाही के जरिए दिया गया फैसला वैध था।
बताया गया है कि महिला ने फरवरी 2021 में GEICO को यह कहते हुए सूचित किया कि वह और बीमित व्यक्ति एक रोमांटिक रिश्ते में थे। महिला ने बीमा कंपनी से मौद्रिक क्षति की मांग की। पूर्व प्रेमी को अपने संक्रमण की स्थिति का खुलासा नहीं करने के लिए जिम्मेदार पाया गया और GEICO द्वारा महिला को क्षति और चोटों के लिए $5.2 मिलियन का भुगतान किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक कस्टोडियो और दुबे एलएलपी के सह-संस्थापक, लॉस एंजिल्स के व्यक्तिगत चोट वकील मिगुएल कस्टोडियो ने बताया कि यह समझौता जायजथा। अक्सर यात्रियों को चोट लगने की वजह टक्कर, या किसी की उंगलियों पर दरवाजा पटकना, उस तरह की चीज है लेकिन बीमाकृत चालक से एसटीडी अनुबंधित करने का मुकदमा अपनी तरह का पहला हो सकता है। यह बीमा भुगतान इस ओर इशारा करता है कि किसी मोटर वाहन में होने वाली किसी भी कार्रवाई के लिए बीमा कंपनी के खिलाफ क्लेम दायर करना मुश्किल नहीं है।
कस्टोडियो ने बताया कि यहां इस बात का भी सबक मिलता है कि लोगों को चोट के दायरे को व्यापक बनाने की जरूरत है। ज्यादातर लोग यह नहीं सोचेंगे कि बीमारी होना भी एक वाहन में लगी चोट के बराबर ही है। लेकिन यह निश्चित रूप से इसके अंतर्गत आता है।
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