China Loan App Fraud | This Way Loan Agents are Blackmailing Consumer
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लोन बांटने वाली चीनी एप्स से सावधान, उगाही के नाम पर करते हैं ब्लेकमेल, जानिए कैसे चलता है इनका धंधा

Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : June 9, 2022, 3:17 pm IST
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लोन बांटने वाली चीनी एप्स से सावधान, उगाही के नाम पर करते हैं ब्लेकमेल, जानिए कैसे चलता है इनका धंधा

China Loan App Fraud

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
आरबीआई यानि रिजर्व बैंक आफ इंडिया अक्सर हमें विभिन्न स्त्रोतों के जरिए आनलाइन धोखाधड़ी और सस्ते में लोन बांटने वाली एप्लीकेशन से सावधान रहने के लिए जागरूक करता है। इसके बावजूद कई लोग इनका शिकार बन जाते हैं। हाल ही में मुंबई की एक 22 साल की महिला भी लोन ऐप फ्रॉड का शिकार हो गई। एक ऐप से लोन लेने के बाद वसूली के लिए रिकवरी एजेंट्स ने महिला की मॉर्फ्ड न्यूड तस्वीरें उसके नजदीकी लोगों में शेयर कर दी।

दरअसल, महिला ने Kreditloan नाम की ऐप से 5 हजार रुपए का लोन लिया था जिस पर उसे 3 हजार रुपए ही मिले थे। एक हफ्ते के बाद ही महिला को लोन चुकाने के लिए धमकी भरे फोन आने लगे। इतना ही नहीं, कई अलग अलग मोबाइल नम्बरों से महिला को आपत्तिजनक मैसेज भी आए। इस मामले में महिला ने FIR दर्ज करवा दी है। इस तरह का ये कोई पहला ऐसा मामला नहीं है। देश में ऐसे ही और भी बहुत से लोग इन लोन बांटने वाली एप्स के चक्करों में फंसे हैं।

कैसे फंसाते हैं लोगों को

  • आनलाइन सस्ते में और बिना केवाईसी के लोन बांटने वाली इन एप्स का धंधा सीधा सा है। यूजर एक बार इनकी एप्प को डाउनलोड करके इंस्टाल कर ले। डाउनलोड होते ही ये एप्स एक छोटी सी रकम यूजर्स के अकाउंट में डाल देते हैं जिससे उनका विश्वास जीता जा सके।
  • इसके बाद यूजर जब लोन के लिए अप्लाई करता है तो ये कंपनियां पूरा लोन नहीं देती। बल्कि 60-70% ही यूजर के खाते में ट्रांसफर किया जाता है। उससे थोड़ा कम। जैसे कि किसी ने 5000 का लोन मांगा तो उसके अकाउंट में 3200 या 3300 रुपए ही आएंगे। बाकी के पैसे सर्विस चार्ज के नाम पर काट लिए जाते हैं।
  • एक बार यूजर के अकाउंट में रकम आ गई, बस यही से शुरू होती है इनकी कमाई। चूंकि ये एप्स बिना केवाईसी के लोन देती है और खास कोई पूछताछ या इंक्वायरी भी नहीं होती है और न ही कोई दिशा निर्देश। तो एक हफ्ते के बाद ही ये कंपनियां लोन की रकम ब्याज समेत वापस मांगने लगती है।
  • कंपनियों के एजेंट्स आपके घर पर आ जाते हैं, बार बार फोन करते हैं और धमकी भरे लहजे में बात करते हैं। पुलिस के मुताबिक लोगों को लोन देने के बाद उसके भुगतान के नाम पर पैसे की उगाही करने के साथ ही उन्हें धमकाते भी हैं।
  • इससे लोन लेने वाला व्यक्ति घबरा जाता है। वह लोन की रकम पूरी भी दे देता है, इसके बावजूद कंपनी के एजेंट्स परेशान करते हैं। इसी दौरान वे आपकी गुप्त तस्वीरें भी ले लेते हैं और आपको ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं।

चीन में बैठे मास्टरमाइंड, क्रिप्टोकरेंसी से लेते हैं रकम

बताया गया है कि इन ऐप्स के मास्टरमाइंड चीन में हैं। इसके अलावा दुबई, हांगकांग, नेपाल और मॉरिशस से भी इनके तार जुड़े होते हैं। इन मास्टरमाइंड के एजेंट भारत से क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन, हांगकांग और दुबई पैसे भेजते हैं। इस बात का खुलासा ईडी की जांच में हुआ था। पिछले साल एऊ ने चीनी ऐप लोन फ्रॉड की जांच में पाया था कि इन ऐप्स के जरिए 1,400 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन हुए हैं। इनमें से ज्यादातर पैसा चीन, हांगकांग और मॉरिशस ट्रांसफर किया गया था। पुलिस ने दक्षिण भारत में इस फ्रॉड से जुड़े मामले में 7 चीनी नागरिकों समेत 35 लोगों को गिरफ्तार भी किया था।

भारत में लगभग 1050 इंस्टैंट लोन ऐप्स

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लगभग 1050 इंस्टैंट लोन एप्स हैं। इनमें से लगभग 750 ऐप्स अभी भी गूगल प्ले स्टोर पर हैं। 300 ऐप्स की वेबसाइट भी हैं। लेकिन इन वेबसाइट्स पर कम जानकारी दी गई है। वहीं केवल 90 ऐप्स का ही कोई फिजिकल एड्रेस है। इन एप्स की कार्यप्रणाली में कई खामियां पाई गई हैं।

कोविड काल में भारत में बढ़ इंस्टेंट लोन एप्स का बिजनेस

भारत में इन एंस्टेंट लोन देने वाली चीनी कंपनियों का बिजनेस कोविड के बाद तेजी से बढ़ा है। दरअसल, 2020 में कोरोना महामारी के बाद देश में लोगों की आर्थिक हालत काफी नाजुक हो गई थी। इसी का फायदा इन एप्स ने उठाया।
ये लोन बांटने वाली एप्स चीन से ही आपरेट होती है।

2012 में इन एप्स से लोन बांटने वाली कंपनियों का धंधा चीन में खूब फला फूला था। लेकिन चीन की सरकार ने इन कंपनियों के खिलाफ कड़े एक्शन लिए थ। जिसके बाद इन कंपनियों की दृष्टि भारत पर पड़ गई। बिना केवाईसी के तुरंत लोन पाने के लालच में लोग इन ऐप्स से लोन ले लेते हैं। लेकिन बाद में पछताना पड़ता है। कई बार तो इन कंपनियों के एजेंट्स लोगों को इतना परेशान करते हैं कि लोग सुसाइड तक कर लेते हैं। लेकिन इन ऐप्स का धंधा चलता रहता है और ये नया शिकार तलाश लेते हैं।

चीन में होता है आपरेटिंग सिस्टम, देश की सुरक्षा के लिए खतरा

इन एप्स का आपरेटिंग सिस्टम चीन में होता है। दरअसल, इन एप्स को डाउनलोड़ करते ही ये आपकी लोकेशन, गैलरी और अन्य कई जानकारियों की परमिशन मांगती हैं। जल्दी में आप परमिशन आलो कर देते हैं। पुलिस के मुताबिक कैश एडवांस नामक लोन ऐप को एंड्रॉयड डिवाइस में प्रॉक्सी नेटवर्क बनाकर चीन में स्थित सर्वर से जोड़ा गया था।

विशेषज्ञों की माने तो इन लोन ऐप्स के सर्वर चीन में होने से ये देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। वहीं कई जगह तो आधार कार्ड नम्बर भी मांगा जात है। इससे आपकी बैंक डिटेल भी इनके पास चली जाती है। इससे देश की सुरक्षा को भी खतरा होता है।

Online Loan App

2016 में चीनी सरकार ने लिया था एक्शन

एक रिपोर्ट के मुताबिक इन इंस्टैंट लोन ऐप्स ने चीन में 100 अरब डॉलर के लोन बांटे थे। लेकिन 2016 में चीनी सरकार ने इन ऐप्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और इन पर लगाम कसने के लिए चीन ने इंटरनेट फाइनेंशियल रिस्क स्पेशल रेक्टिफिकेशन वर्क लीडरशिप टीम बनाई। चीन सरकार ने इन ऐप्स को अपना ये धंधा बद करने के लिए 2 साल का समय दिया। इसके बाद ये कंपनियां भारत आ गई। वहीं 2020 के बाद तो इन कंपनियों का बिजनेस बहुत तेजी से बढ़ गया।

इन देशों ने भी किया बैन

चीन के अलावा ये लोन ऐप्स कंपनियां ब्रिटेन, अफ्रीकी देशों, इंडोनेशिया समेत कई अन्य देशों में भी वहां के निवासियों के साथ फ्रॉड कर चुकी हैं। लेकिन इन सभी देशों ने ऐसे ऐप्स पर जल्द ही बैन लगा दिया था।

Loan Apps

RBI ने लोन एप्स फ्रॉड को लेकर जारी की थी चेतावनी

बीते साल दिसंबर में आरबीआई ने इन चीनी एप्स से लोन लेने बारे चेतावनी जारी की थी और इन अनधिकृत डिजिटल लोन ऐप्स से दूर रहने को कहा था। इसके अलावा आरबीआई ने लोगों से अपील की थी कि वे किसी अनजान व्यक्ति, अनवेरिफाइड/अनआथराइज्ड ऐप्स के साथ अपने डाक्यूमेंट शेयर न करें।

अनआथराइज्ड एप्स से रहें सावधान

आरबीआई इन लोन बांटने वाले ऐप्स के फंड के सोर्स की जानकारी जुटा रहा है, लेकिन इस मामले पर इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को बिना जानकारी किसी भी ऐप से लोन लेने से बचना चाहिए। साथ ही इन ऐप्स को इंस्टॉल करते समय कॉन्टैक्ट्स, इमेज, लोकेशन जैसे परमिशन नहीं देना चाहिए।

ऐसे धोखाधड़ी के केस रोकने के लिए डिजिटल लेंडर्स एसोसिएशन आफ इंडिया यानी ऊछअक ने कहा था कि इसके लिए एक नियम बनना चाहिए। इस नियम के तहत 60 दिनों से कम के शॉर्ट टर्म लोन को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही लोन को प्रॉसेस करने से पहले ब्याज दर दिखाई जाना चाहिए।

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