Legacy West In Haryana | NGT Dissatisfied | Bio-Mining Process Slow |
होम / हरियाणा में विरासत में मिले कूड़े का लगा अंबार, एनजीटी ने उठाए ये सवाल…

हरियाणा में विरासत में मिले कूड़े का लगा अंबार, एनजीटी ने उठाए ये सवाल…

Naresh Kumar • LAST UPDATED : June 17, 2022, 9:06 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

हरियाणा में विरासत में मिले कूड़े का लगा अंबार, एनजीटी ने उठाए ये सवाल…

Legacy West in Haryana

डा. रविंद्र मलिक, Haryana News। Legacy West In Haryana : विरासत में कोई अच्छी चीज मिले तो हर किसी को गर्व होता है, लेकिन जरा कल्पना कीजिए अगर किसी व्यक्ति को अपने घर के आसपास या राज्य में विरासत में कूड़े के दूर-दूर तक लगे हुए ढेर मिले तो सोचिए किस तरह की स्थिति होगी। हरियाणा में कुछ ऐसा ही है।

हरियाणा में अलग-अलग जिलों में लाखों टन कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और इस बायो वेस्ट का लंबे समय से कोई निपटान ही नहीं हो रहा है। ये बेहद ही शर्मनाक स्थिति ही।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) बार-बार राज्य सरकार को निर्देश दे रही है कि वेस्ट वाली जगहों को चिन्हित कर इस कूड़े को यहां से हटाया जाए और जगहों को साफ किया जाए लेकिन बावजूद इसके धरातल पर स्थिति वैसी ही है जैसे पहले थी। एनजीटी संबंधित विभाग द्वारा उठाए गए कदमों से कतई संतुष्ट नहीं है।

गुरुग्राम में सबसे ज्यादा 33 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट, बायो माइनिंग प्रक्रिया बेहद स्लो

ज्वाइंट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में लिगेसी वेस्ट (विरासती कूड़े) का ढेर लगा हुआ है। 15 अगस्त 2021 तक के अनुसार गुरुग्राम में 33 लाख मीट्रिक बायो वेस्ट है तक वहीं अप्रैल 2022 तक भी करीब करीब यही हालत थी।

वहीं अंबाला में 6 लाख मीट्रिक टन वेस्ट है। पंचकूला में 3.96 लाख मीट्रीक टन वेस्ट है तो वहीं इसके बाद इस मामले में यमुनानगर का स्थान आता है जहां 1.27 लाख मीट्रिक टन वेस्ट है। वहीं जींद में 1 लाख मीट्रिक टन, करनाला में 0.95 लाख मीट्रिक टन, कैथल में 0.80 लाख मीट्रिक टन और गोहाना में 0.42 लाख मीट्रिक टन वेस्ट था। हालांकि इसमें कुछ वेस्ट को प्रोसेस कर दिया गया है।

लेगेसी वेस्ट का निपटान लंबित

ये भी बता दें कि ज्वाइंट कमेटी की रिपोर्ट में इंगित है कि पहले चरण में कुल करीब 48 लाख मीट्रिक टन वेस्ट है। बता दें कि 15 अगस्त 2021 को 15 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा वेस्ट को प्रोसेस किया गया। सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 10.20 लाख मीट्रिक टन वेस्ट को प्रोसेस किया गया है तो वहीं पंचकूला का 1.27 लाख मीट्रिक टन और अंबाला का 3.54 लाख मीट्रिक टन शामिल है।

31 लाख मीट्रिक टन वेस्ट किया जाना है प्रोसेस

इसके बाद इसी साल 25 फरवरी 2022 को को उपरोक्त शहरों में वेस्ट को प्रोसस किया गया। इसमें गुरुग्राम में 8.15 लाख मीट्रिक, अंबाला में 5.14 लाख मीट्रिक टन, पंचकूला में 1.46 लाख मीट्रिक टन और 1.16 लाख मीट्रिक टन वेस्ट को प्रोसेस किया गया है।

बाकी प्रोसेस किया गया वेस्ट अन्य जिलों में है। वहीं पिछले महीने जारी की गई रिपोर्ट में सामने आया है कि कुल करीब 31 लाख मीट्रिक टन वेस्ट प्रोसेस किया जाना है। पिछली बार अगस्त से लेकर दो बार इसको प्रोसेस किया गया है।

चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट के अनुसार 48 फीसद कूड़े का निपटान पेंडिंग

वहीं बता दें कि चीफ सेक्रेटरी ने मामले को लेकर 29 अप्रैल 2022 को रिपोर्ट सब्मिट की थी। इसके अनुसार 40 लाख मीट्रिक टन वेस्ट को प्रोसेस कर दिया गया है जो कि कुल वेस्ट का करीब 52 फीसद है।

वहीं इसको लेकर एनजीटी ने साफ किया है कि वो इससे संतुष्ट नहीं है। बायो कल्चर पर मिस्ट स्प्रे भी नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा ताजा कूड़े को नई साइट पर डंप किया जा रहा है। इससे लिगेसी वेस्ट को हटाने में दिक्कत आनी तय है। कूड़े के निपटान का काम बेहद ही धीमा है।

एनजीटी को सितंबर 2022 तक फाइल करना है जवाब

एनजीटी ने साफ कर दिया है कि जिन जगहों से वेस्ट हटाया जा रहा है, उन जगहों को पूरी तरह से साफ किया जाए और इस को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।

इस पहलू पर भी ध्यान दिया जाए कि कूड़े में आग ना लगे और घटना से कोई नुकसान न हो। वहीं मामले को लेकर चीफ सेक्रेटरी को 31 अगस्त 2022 तक मामले के बारे में रिपोर्ट देनी है जो कि 15 सितंबर तक सब्मिट की जा सकती है।

इसके अलावा एनजीटी और केंद्रीय पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी के साथ बैठक करनी है जिसमें बायो माइनिंग की गाइडलाइंस, कंपोस्ट के रिकवर किए यूटिलाइजेशन प्लान, 37 एमसी में वेस्ट उत्पत्ति आदि कई मामलों पर चर्चा होगी।

सालिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 2016 के नियमों का उल्लंघन जारी

एनजीटी ने साफ कहा कि कि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 की अनुपालना जरूरी है जो कि नहीं की जा रही है। निर्धारित समय सीमा में कूड़े का निपटान नहीं किया जा रहा है।

इसको लेकर कदम उठाए जाने जरुरी हैं। एनजीटी ने कहा कि नियमों की अवहेलना सहन नहीं की जा सकती है। नियमों की पालना नहीं करने वालों पर क्रिमिनल आफेंस के तहत कार्रवाई होगी।

इसको लेकर बार बार समय सीमा नहीं बढ़ाई जा सकती है। साथ ही साफ किया गया है कि अपना काम सही तरीके से नहीं करने वाले व नियमों को ताक पर रखने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसीआर रिपोर्ट में खराब रिकार्ड दर्ज किया जाएगा।

फिलहाल तो बड़े पैमाने पर लिगेसी वेस्ट पेंडिंग है। इसके निपटान को लेकर जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। काम ज्यादा है तो इसमें समय लगेगा। उम्मीद है जल्दी ही इसको लेकर जरुरी कदम उठाए जाएंगे। कुछ जगहों पर वेस्ट के निपटान का काम शुरू हो चुका है।

कमल गुप्ता, शहरी निकाय मंत्री।

ये भी पढ़ें : युवाओं को मिला डबल बोनांजा, पुलिस कांस्टेबल के रिजल्ट के साथ सीईटी का विज्ञापन भी जारी
ये भी पढ़ें : हरियाणा में फिर रफ्तार पकड़ने लगा कोरोना, गुरुग्राम में सबसे ज्यादा 480 नए मरीज मिले, जानें अपने जिले का हाल?
ये भी पढ़ें : हरियाणा बोर्ड 10वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री ने दी बधाई
ये भी पढ़ें : हरियाणा बोर्ड 10वीं का परीक्षा परिणाम जारी, ऐसे चेक करें अपना रिजल्ट
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT