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15 अक्टूबर को मनाया जाना है दशहरा पर्व
इंडिया न्यूज, अंबाला:
भारतवर्ष त्योहारों का पर्व है, जिसको सभी मिल-जुलकर मनाते हैं वहीं अगर दशहरा पर्व की बात करें तो यह त्योहार भी भारत का एक बड़ा पर्व है। दशहर पर्व पर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण जलाए जाने की परंपरा है। इन पुतलों को कई-कई फुट का तैयार कर पर्व के दिन आग के हवाले किया जाता है। अगर इन पुतलों की ऊंचाई के बात की जाए तो सबसे बड़े पुतले पूरे विश्व में हरियाणा के अंबाला के कस्बा बराड़ा में ही जलाए जाते हैं। जानकारी के अनुसार अंबाला के बराड़ा को विश्व में ख्याति दिलाने व 5 बार लिम्का बुक आॅफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने वाले श्रीराम लीला क्लब बराड़ा 3 वर्षों के बाद एक बार फिर रावण के पुतले के दहन का कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं। बता दें कि इस बार 100 फुट ऊंचे पुतले का दहन 15 अक्तूबर को किया जाएगा।
श्री राम लीला कलब संस्थापक तेजेन्द्र चौहान के अनुसार कोरोना महामारी और बराड़ा में मैदान की उपलब्धता न होने की वजह से अभी रावण के पुतले के दहन का कोई इरादा नहीं था। कस्बावासियों के दवाब के कारण उन्हें इस बार फिर रावण के पुतले के दहन का कार्यक्रम बनाया। उधर कस्बावासियों ने भी बताया कि 3 वर्षों से दशहरा महोत्सव कार्यक्रम नहीं होने से यहां क्षेत्र से रौनक गायब होती जा रही थी।
श्रीराम लीला कलब संस्थापक तेजेन्द्र चौहान ने बताया कि कलब द्वारा 100 फुट ऊंचे रावण के पुतले का रंग रूप पिछले पुतलों की तरह ही होगा और जो सामग्री उस पुतले में लगाई जाती थी, वही 100 फुट ऊंचे पुतले में लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पुतले का दहन रिमोट कंट्रोल से ही किया जाएगा।
रावण के पुतले को बनाने में करीब 10 लाख रुपए खर्च आएंगे। संस्थापक ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले यह महोत्सव 5 दिन का होता था, वहीं अब यह महोत्सव 3 दिन का होगा। महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आतिशबाजी का भी प्रबंध किया जा रहा है। इसके लिए शीघ्र ही बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के अलावा दशहरा महोत्सव के लिए स्थान का भी चयन किया जाएगा।
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