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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
(SCO Summit) पाकिस्तान में तीन अक्टूबर से होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के आतंकवाद विरोधी अभ्यास में भारत भी भाग लेगा। इस अभ्यास में भाग लेने के लिए भारत की और से तीन सदस्यीय टीम पाकिस्तान जाएगी। बता दें कि पाकिस्तान के नौशेरा जिले के पब्बी में तीन अक्टूबर से एससीओ रीजनल एंटी टेररिज्म स्ट्रक्चर की अगुवाई में यह आतंकवाद विरोधी एक्सरसाइज आयोजित की जा रही है। इस अभ्यास का उद्देश्य है कि रउड सदस्य देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग बढ़े। वहीं भारत सरकार का मानना है कि इस एक्सरसाइज में उसकी भागीदारी से उसका पाकिस्तान के खिलाफ सीमा पार आतंक को पोषित करने का दावा कमजोर नहीं होगा।
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रिपोर्ट के मुताबिक भारत अभ्यास में अपनी भागीदारी की पुष्टि करने वाला अंतिम देश था और इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के अधिकारियों द्वारा प्रतिनिधित्व करेंगे। इस महीने की शुरूआत में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने आरेनबर्ग क्षेत्र में एक बहुराष्ट्र आतंकवादरोधी अभ्यास देखने के लिए रूस का दौरा किया था। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कट्टरपंथ और उग्रवाद के खिलाफ लड़ने के लिए भी आह्वान किया था।
ताशकंद में आरएटीएस की बैठक के बाद इस साल मार्च में इस एक्सरसाइज का ऐलान हुआ था। एससीओ प्रोटोकॉल के तहत पाकिस्तान ने भारत सहित सभी सदस्य-देशों को इस अभ्यास के लिए आमंत्रित किया था। इस एक्सरसाइज में सैनिक शामिल नहीं हैं और इसका उद्देश्य आतंकवादी गतिविधियों को फंडिंग पहुंचाने वाले चैनलों की पहचान करना और उन्हें रोकना है।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं। इस संगठन का उद्देश्य नस्लीय और धार्मिक चरमपंथ से निबटने और व्यापार-निवेश बढ़ाना है। एक तरह से रउड अमेरिकी प्रभुत्व वाले नाटो का रूस और चीन की ओर से जवाब था।
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