इंडिया न्यूज (Beneficial Spices For Children): मसाले भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ बेहतरीन खुशबू भी प्रदान करते हैं। साथ ही इन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए जाना जाता है। अक्सर माताएं इस बात को लेकर असमंजस में रहती हैं कि क्या छोटे बच्चों को मसाले खिलाने चाहिए या किस उम्र से उन्हें मसाले खिलाना सुरक्षित है। क्योंकि 6 महीने तक बच्चों को सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। उसके बाद ठोस पदार्थ खिलाना शुरू किया जाता है। आइए आज काम की बात में जानेंगे किस उम्र में बच्चों को कौन से मसाले खिलाने चाहिए, साथ ही कैसे खिलाना चाहिए।
पुदीना: बच्चों के आहार में पुदीना 8 महीने बाद शुरू किया जा सकता है। चटनी, करी और चावल आदि में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पाचन में सुधार, श्वसन संबंधी रोगों को दूर करने और बच्चों को शांत करने में मदद करता है। साथ ही मुंह के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।
धनिया: 8 महीने बाद बच्चों के आहार में धनिया के बीज और पाउडर डाले जा सकते हैं। लेकिन थोड़ी मात्रा में ही डालें। यह गैस्ट्रिक समस्याओं को रोकने और कम करने में मदद करता है।
हल्दी : बच्चे को आठ माह की उम्र के बाद हल्दी खिलाना शुरू कर सकते हैं। दाल, सांभर अन्य सब्जियों और प्यूरी में आप एक छोटी चुटकी हल्दी डालकर बच्चों को खिला सकते हैं। हल्दी के सेवन से उनका पाचन दुरुस्त होगा। इम्यूनिटी मजबूत होगी। एलर्जी से बचाव होगा साथ ही सांस लेने में तकलीफ की समस्या भी नहीं होगी।
जीरा: जीरा का सेवन आठ माह बाद बच्चों के लिए सुरक्षित है। आप दाल, सांभर, चटनी, करी, सब्जी आदि में तड़के के लिए जीरा का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पेट में कीड़ों का इलाज करता है, पेट के दर्द, सांस की बीमारियों, खून की कमी से छुटकारा दिलाने के साथ ही इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है।
मेथी के दाने: 18 माह बाद आप बच्चों के आहार में मेथी के दाने शामिल कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल इडली-डोसा के बैटर, सब्जी और करी में थोड़ी मात्रा में किया जा सकता है। इससे पाचन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
मिर्च पाउडर : 18 माह से कम के बच्चों के भोजन में आपको मिर्च पाउडर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उसके बाद भी आपको बहुत कम मात्रा में व्यंजनों में इसका प्रयोग करना है। यह एक एंटी इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में कार्य करता है।
अदरक : अदरक बच्चों को 2 साल की उम्र के बाद खिलानी चाहिए। आप सब्जियों और चावल, बिरयानी जैसे व्यंजनों में अदरक डालकर बच्चों को दे सकते हैं, लेकिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में। अदरक पाचन को बेहतर बनाने, मतली और उल्टी को रोकने में मदद करती है। साथ ही साँस संबंधी समस्याओं को दूर करने में बहुत फायदेमंद है।
लहसुन: लहसुन आप बच्चे को 8-10 महीने के बाद दे सकते हैं। दाल, सांभर, करी, और सब्जी आदि में लहसुन का प्रयोग किया जा सकता है। यह गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत प्रदान करता है और एक रोगाणुरोधी एजेंट के रूप में कार्य करता है।
जब आप बच्चों के आहार में मसाले डालना शुरू करें तो यह जरूर देखें कि इससे बच्चों में किसी तरह की एलर्जी की प्रतिक्रिया तो नहीं हो रही है। त्वचा पर लाल चकत्ते, लाल त्वचा, चेहरे/जीभ/होंठों में सूजन, उल्टी-दस्त, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, चक्कर आना आदि जैसी समस्याएं होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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