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इंडिया न्यूज, कोलकाता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी की 125 वीं जयंती के अवसर पर 125 रुपए का एक विशेष स्मारक सिक्का जारी करेंगे और एक सभा को भी संबोधित करेंगे, पीएम मोदी वीडियो कॉफ्रेन्स के माध्यम से शाम को आयोजित इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जबकि सीएम ममता बनर्जी आज दोपहर एक बजे एक अन्य वर्चुअल कार्यक्रम में टालीगंज में वर्चुअल माध्यम से उनके पदचिन्ह का उद्घाटन किया। भारत सरकार भी श्रील प्रभुपाद की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में आज को 125 रुपये का सिक्का जारी करने जा रही है। स्वामी जी ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की स्थापना की थी जिसे आमतौर पर हरे कृष्ण आंदोलन के रूप में जाना जाता है। इस्कॉन ने श्रीमदभागगवद् गीता और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया जो दुनिया भर में वैदिक साहित्य के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। स्वामीजी ने 100 से अधिक मंदिरों की भी स्थापना की और दुनिया को भक्ति योग का मार्ग दिखाने वाली कई किताबें लिखीं। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण ने बताया कि भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद (1 सितम्बर 1896-14 नवंबर 1977) जिन्हें स्वामी श्रील भक्तिवेदांत प्रभुपाद के नाम से भी जाना जाता है, सनातन हिंदू धर्म के एक प्रसिद्ध गौडीय वैष्णव गुरु तथा धर्मप्रचारक थे। उन्होंने प्रेम और बंगाल की महिमा का संदेश पूरी दुनिया में फैलाया था। वेदांत कृष्ण-भक्ति और इससे संबंधित क्षेत्रों पर शुद्ध कृष्ण भक्ति के प्रवर्तक श्री ब्रह्म-मध्व-गौड़ीय संप्रदाय के पूर्वार्चायों की टीकाओं के प्रचार-प्रसार और कृष्णभावना को पश्चिमी जगत में पहुंचाने का काम किया। वे भक्तिसिद्धांत ठाकुर सरस्वती के शिष्य थे, जिन्होंने इनको अंग्रेजी भाषा के माध्यम से वैदिक ज्ञान के प्रसार के लिए प्रेरित और उत्साहित किया। इन्होने इस्कॉन की स्थापना की और कई वैष्णव धार्मिक ग्रंथों का प्रकाशन और संपादन स्वयं किया।
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