इंडिया न्यूज, Sri Lanka Emergency News: आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश श्रीलंका में हालात बेहद खराब हो गए हैं। हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सरकारी आवास में घुस गए। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन में घुसने से रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और उन पर पानी की बौछारें भी की। लेकिन प्रदर्शनकारी काफी उग्र थे। वे पुलिस के सभी बैरिकेट्स को हटाकर राष्ट्रपति आवास में घुस गए।
राष्ट्रपति आवास में प्रदर्शनकारियों के घुसने से पहले ही राष्ट्रपति गोटयाबा राजपक्षे परिवार समेत वहां से निकल गए थे। राजपक्षे कहां गए हैं, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है। लेकिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि वीडियो में पानी के जहाज पर सवार होते लोग राजपक्षे के परिवार के हैं और राष्ट्रपति के सामान को कोलंबो पोर्ट पर मौजूद नेवी शिप पर रखा गया है। गौरतलब है कि बीती 11 मई को भी उग्र भीड़ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का सरकारी आवास घेर लिया था। इसके बाद वे भी पूरी परिवार के साथ भाग गए थे।
एक तरफ श्रीलंका में आर्थिम तंगी से ग्रस्त जनता सड़कों पर उतर आई है तो वहीं जापान के राजदूत मिजुकोशी हिदेकी ने भी श्रीलंका की आर्थिक मदद करने से इनकार कर दिया है। मिजुकोशी ने कहा कि श्रीलंका को आर्थिक मदद से मिसमैनेजमेंट का खतरा है।
इसलिए जापान इस समय सहायता नहीं कर सकता। लेकिन इस बारे में फिलहाल विचार विमर्श किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक आज दोपहर को कोलंबो स्थित राष्ट्रपति आवास प्रदर्शनकारियों घेर लिया था। प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर जमकर तोड़फोड़ और नारोबाजी की। हालात बिगड़ते देख राष्ट्रपति सुरक्षित स्थान पर चले गए।
गौरतलब है कि श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर सरकार विरोध रैली चल रही है। सरकार विरोधी प्रदर्शन में धार्मिक नेताओं, राजनीतिक दलों, शिक्षकों, किसानों, चिकित्सकों, मछुआरों और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। रैली के दौरान श्रीलंका की पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। हिंसक झड़पों में सैकड़ों प्रदर्शनकारी घायल हो गए, जिन्हें वहां के राष्ट्रीय अस्पताल कोलंबो ले जाया गया है।
उल्लेखनीय है कि हमारा पड़ोसी देश श्रीलंका में महंगाई ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। श्रीलंका इस समय भारी विदेशी मुद्रा की किल्लत का सामना कर रहा है जिसके चलते तेल, खाने के सामान और दवाइयां सीमित मात्रा में ही आयात हो पा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 70 वर्षों में श्रीलंका के लिए यह सबसे बुरा दौर है।
इस आर्थिक संकट से निपटने के तरीकों से प्रदर्शनकारी गुस्से में हैं। वे मार्च से ही राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने अप्रैल में राष्ट्रपति के आफिस के प्रवेश द्वार पर भी कब्जा किया था। इसके बाद से गोटबाया राष्ट्रपति आवास को अपने आवास तथा कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे।
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