संबंधित खबरें
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
Ajmer Fire News: हाईवे पर बिस्किट से भरा ट्रक जलकर खाक, लाखों का नुकसान, शॉर्ट सर्किट से हुआ हादसा
Rajasthan Weather Update: प्रदेश में ठंड का डबल अटैक, कोहरे से धीमी हुई गाड़ियों की रफ्तार, आज गिरेगा तापमान
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने अवैध तौर पर बनाए गए ढांचों पर विध्वंस की कार्रवाई को लेकर रोक से इनकार कर दिया है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से याचिका दायर कर उत्तर प्रदेश की बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है। इस पर आज सुनवाई के दौरान जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि अगर निकाय के नियम का उल्लंघन करके निर्माण किया गया है तो हम गिराने से रोकने के लिए अथॉरिटीज को कैसे आदेश दे सकते हैं। उन्होंने कहा, नियमों का पालन करना जरूरी है। मामले की अगली सुनवाई अब दस अगस्त को होगी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका में उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है कि राज्य में उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना संपत्तियों का कोई और विध्वंस न किया जाए। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने याचिकाकर्ताओं का जबकि सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यूपी सरकार का पक्ष रखा। जमीयत के वकील दुष्यंत दव ने कहा कि दंगे के आरोपियों के खिलाफ सरकार चुनकर कार्रवाई कर रही है।
याचिकाकर्ताओं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वकील ने कोर्ट में यह भी कहा कि अगर कोई किसी क्राइम में आरोपी है तो हमारे समाज में उसका घर गिराने की कार्रवाई नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, हम कानून के शासन से चलते हैं। वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भी उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कोई व्यक्ति अगर किसी आपराधिक मामले में आरोपी है तो केवल इस वजह से उसके अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई रोकी नहीं जा सकती।
वकील हरीश साल्वे ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अखबारों के समाचारोंके आधार पर कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रखना चाहिए। इस पर वकील दुष्यंत दवे ने कहा , ऐसे कई मामले हैं, जब पुलिस ने आरोपियों के घरों को गिराने की घोषणा की। उन्होंने कहा, एक समुदाय को चुनकर उस पर कार्रवाई की जा रही है।
दुष्यंत दवे ने कहा कि एक जगह पूरा सैनिक फार्म ही गैर कानूनी है, पर उस पर कई वर्ष से कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में ही कई फार्म हाउस अवैध हैं, लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती। दुष्यंत दवे की इस दलील पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गहरी आपत्ति जताई और कहा कि देश में दूसरा कोई समुदाय नहीं है। केवल एक ही समुदाय है, जिसे हम भारतीय कहते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अथॉरिटीज ने दंगों से पहले ही यह प्रक्रिया शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जिनके अवैध निर्माण गिराए गए हैं, उन्हें पहले ही नोटिस देकर कार्रवाई की जानकारी दी गई थी।
ये भी पढ़ें : हमारी विदेश नीति में सुरक्षा उच्च प्राथमिकता : एस जयशंकर
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.