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इंडिया न्यूज, Islamabad News। Pakistan News : इन दिनों पाकिस्तान में जरूरी दवाओं की कमी होने की सूचना मिली है। जिस कारण पाकिस्तान में काफी खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालात इस कदर खराब हुए बताए जा रहे हैं कि कई आवश्यक दवाओं की भारी कमी के चलते पाकिस्तान में आत्महत्या की दर में बढ़ोतरी होने का भी डर है। ऐसे इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जिस दवा की सबसे ज्यादा पाकिस्तान में कमी हुई है वह मानसिक रोगों में दी जाने वाली लिथियम काबोर्नेट दवा है।
वहीं पाकिस्तान साइकियाट्रिक सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष ने इलाज के लिए सबसे प्रभावी दवा के रूप में काम वाले फामूर्लेशन का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से लिथियम काबोर्नेट बेचने वाला कोई भी ब्रांड बाजार में उपलब्ध नहीं है। यह दवा मानसिक विकारों और इससे जुड़े रोगों में सबसे कारगर दवा मानी जाती है।
इसी तरह बच्चों में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर (एडीएचडी) के इलाज के लिए मिथाइलफेनिडेट और मिर्गी के लिए क्लोनाजेपम ड्राप्स और टैबलेट सहित कुछ अन्य आवश्यक दवाएं भी बाजार में कहीं भी उपलब्ध नहीं हैं।
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, शिफा इंटरनेशनल हास्पिटल इस्लामाबाद और मेयो हॉस्पिटल लाहौर के कई मनोचिकत्सिकों ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि लोग बाइपोलर डिसआर्डर विकार से पीड़ित रोगियों के लिए लिथियम काबोर्नेट खोजने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसका कोई भी ब्रांड बाजार में उपलब्ध नहीं है।
इस्लामाबाद के एक अन्य वरष्ठि फार्मासस्टि, सलवा अहसान ने कहा कि लिथियम काबोर्नेट दवा पूरे देश में उपलब्ध नहीं थी, कच्चे माल की लागत बढ़ गई थी और इसलिए कंपनियां अब इनका उत्पादन नहीं कर रही हैं।
मिली जानकारी अनुसार कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में कई फार्मेसियों के एक सर्वे से पता चला कि टीबी, मिर्गी, पाकिंर्संस रोग, अवसाद, हृदय रोग और अन्य के इलाज के लिए कई महत्वपूर्ण दवाएं उपलब्ध नहीं है, क्योंकि दवा कंपनियां उत्पादन की लागत बढ़ जाने से इनका उत्पादन नहीं कर रही।
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