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इंडिया न्यूज, Washington News। Monkeypox : जैसा कि आप जानते ही हैं कि कोरोना वायरस के बाद विश्व में अब मंकीपाक्स फैलता जा रहा है। 70 से अधिक देशों को यह अपनी चपेट में ले चुका है। क्योंकि यह वायरस दुनिया भर में तेजी से फैल गया है। वहीं अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपाक्स के प्रकोप को वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है।
डब्ल्यूएचओ की माने तो यह वायरस दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह मंकीपाक्स के प्रकोप की एक असाधारण स्थिति है जो वैश्विक आपातकाल की ओर इशारा करती है।
बता दें कि शनिवार को डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनाम घेब्रेसस ने जानकारी दी है कि मंकीपाक्स का प्रकोप वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी का प्रतिनिधित्व करता है। वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी का मतलब विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी उच्चतम स्तर का अलर्ट माना जाता है।
डब्ल्यूएचओ की ओर से घोषित वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी अंतरराष्ट्रीय चिंता की ओर इशारा करती है। वायरस जनित बीमारी के मामले में इसे एक अलार्म के तौर लिया जाता है।
बता दें कि मंकीपाक्स को लेकर वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किए जाने का मतलब है कि इस वायरस के संक्रमण से निपटने को लेकर समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस कदम से वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए टीके और इलाज के लिए साझा सहयोग के रास्ते खुलेंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक मंकीपाक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है, इससे संक्रमित होने पर चेचक के रोगियों के लक्षण पाए जाते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि पूरी दुनिया में मंकीपाक्स के 14,000 मामलों की पुष्टि हुई है। अफ्रीका में 5 लोगों की मंकीपाक्स से मौत हुई। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ज्यादातर मामले स्पेन, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड में पाए गए हैं।
चिकित्सकों के अनुसार मंकीपाक्स वायरल जूनोसिस यानि जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाला वायरस है। इसके लक्षण चेचक के समान होते हैं। राहत की बात यह है कि यह वायरस चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।
बता दें कि यह वायरस भारत में भी पहुंच चुका है। इसी को देखते हुए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। केरल में मंकीपाक्स के कुल 3 मामले सामने आ चुके हैं।
पिछले सप्ताह केरल के कन्नूर जिले में दूसरा मामला मिला था जबकि पहला मामला दक्षिण केरल के कोल्लम जिले से 14 जुलाई को सामने आया था। केरल सरकार मंकीपाक्स को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर चुकी है। सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को इस एसओपी का पालन करना होगा।
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