इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Govt Gives Relief To Medical Students ) : सरकार ने विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को बड़ी राहत दी है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने बताया कि उन भारतीय छात्रों के लिए जो अपने स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे और युद्ध की वजह से भारत लौट आए है। उनको विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा/एफएमजीई (फारेन मेडिकल ग्रेजुएट इग्जाम)में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय छात्र जो अपने अंडर ग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे और कोरोना महामारी या रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अपने देश भारत लौट आए और जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और उन्हें जो 30 जून को या उससे पहले पाठ्यक्रम पूरा करने का प्रमाण पत्र दिया है, उन्हें विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार ऐसे एफएमजी छात्रों को क्लिनिकल प्रशिक्षण के लिए दो साल की अवधि के लिए अनिवार्य रोटेशन मेडिकल सीआरएमआई इंटर्नशिप से गुजरना पड़ता है, जो विदेशी संस्थान में स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के दौरान शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सका है।
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